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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा भारत कोरोना संक्रमण के दूसरे और तीसरे चरण के बीच, अब तक सामने आए 4067 मामले और 109 मौत

By भाषा | Updated: April 6, 2020 21:42 IST

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत अभी दूसरे ओर तीसरे चरण के बीच की स्थिति में है। तीसरे चरण में पहुंचने से रोकने के लिये ही समेकित प्रयास किये जा रहे हैं।’’

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ठळक मुद्देस्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में सोमवार तक कोरोना वायरस से 109 लोगों की मौत होने की जानकारी दी।मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अब तक देश में 4067 मामले सामने आए हैं।

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में सोमवार तक कोरोना वायरस से 109 लोगों की मौत होने और 4067 लोगों के संक्रमित होने की जानकारी देते हुए बताया कि  कोविड-19 के संक्रमण के मामले में भारत, दूसरे और तीसरे चरण के बीच की स्थिति में है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरे चरण से जुड़े सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में भारत के पंहुचने  की आशंकाओं का खंडन करते हुये कहा, ’‘भारत अभी दूसरे ओर तीसरे चरण के बीच की स्थिति में है। तीसरे चरण में पहुंचने से रोकने के लिये ही समेकित प्रयास किये जा रहे हैं।’’

अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अब तक कुल संक्रमित लोगों में 1445 वे मरीज हैं जो तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में या तो शामिल हुये या शामिल होने वालों के संपर्क में आये।  उन्होंने संक्रमण से जुड़े अब तक के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों और मृतकों में लगभग दो तिहाई पुरुष हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित होने वालों में 76 प्रतिशत पुरुष और 24 प्रतिशत महिलायें हैं, जबकि मृतकों में 73 प्रतिशत पुरुष और 27 प्रतिशत महिलायें हैं।

उन्होंने कोरोना वायरस की चपेट में आये मरीजों के आयु आधारित विश्लेषण में बताया कि अब तक जिन मरीजों में इसके संक्रमण की पुष्टि हुयी है उनमें 40 साल से कम उम्र के 47 प्रतिशत लोग हैं। 40 से 60 साल तक की उम्र वाले मरीज 34 प्रतिशत हैं और 60 साल से अधिक उम्र वाले मरीजों की संख्या 19 प्रतिशत है।

अग्रवाल ने कहा कि मृतकों में 60 साल से अधिक उम्र वाले 63 प्रतिशत लोग हैं। वहीं, 40 से 60 साल की उम्र वाले मृतकों की संख्या 30 प्रतिशत और 40 साल से कम उम्र वाले मृतकों की संख्या सात प्रतिशत है। साथ ही मृतकों में 86 प्रतिशत लोग ऐसे पाये गये जो पहले से ही मधुमेह या हृदय रोग सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।

अग्रवाल ने इस विश्लेषण के आधार पर कहा कि सर्वाधिक संक्रमण 40 साल तक उम्र के लोगों में हुआ है, वहीं संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों में बुजुर्गों एवं पहले से बीमार लोगों की संख्या सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि किसी भी आयु वर्ग के लोग कोरोना वायरस के खतरे से अछूते नहीं हैं।  अग्रवाल ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण के 693 नए मामले सामने आये, जबकि इस अवधि में 30 लोगों की मौत हुई।

उल्लेखनीय है कि राज्यों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित पीटीआई-भाषा की रविवार की तालिका के अनुसार, देश में कोरोना के संक्रमण से कम से कम 126 लोगों की मौत हो गयी जबकि संक्रमण के मामले बढ़कर 4,111 हो गए। इनमें से 315 लोगों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अलग-अलग राज्यों द्वारा दिए गए आंकड़ों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में अंतर है। अधिकारियों ने अलग-अलग राज्यों के मामले देने में प्रक्रियागत देरी को इसकी वजह बताया है।

संवाददाता सम्मेलन में मौजूद गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि तबलीगी जमात के आयोजन में शामिल हुए 2,083 विदेशी नागरिकों में से 1,750 के पासपोर्ट को अभी तक काली सूची में डाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के उन पांच गांवों की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है जिनमें तबलीगी जमात के सदस्य ठहरे थे।

भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तीसरे चरण में पहुंचने के बारे में एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया के एक बयान के बारे में स्पष्टीकरण देते हुये अग्रवाल ने कहा कि डा गुलेरिया ने संक्रमण की अधिकता वाले स्थान विशेष के बारे में व्यापक संक्रमण की बात कही है। इसका अर्थ यह नहीं है कि संक्रमण तीसरे चरण में पहुंच गया है।

 संवाददाता सम्मेलन में आईसीएमआर के रमन आर गंगाखेड़कर ने संक्रमण से बचाव के लिये हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का इस्तेमाल सिर्फ चिकित्साकर्मियों के लिये ही उपयुक्त होने की बात दुहराते हुये कहा कि यह दवा सभी लोगों के इस्तेमाल के लिये नहीं दी जा सकती है।  

गंगाखेड़कर ने त्वरित परीक्षण प्रणाली से जुड़ी रेपिड टेस्टिंग किट की उपलब्धता के बारे में बताया कि पांच लाख किट की आपूर्ति के आदेश दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस किट को बनाने वाली कंपनियों ने आठ या नौ अप्रैल तक 2.5 लाख किट की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया है।

 इस दौरान श्रीवास्तव ने बताया कि गृह मंत्रालय ने चिकित्सा उपयोग के लिये ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकारों को आवश्यक निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि गृह सचिव ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से जुड़ी है, इसलिये अस्पतालों में इसकी निर्बाध रूप से उपलब्धता बनाये रखने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान देश में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति को बहाल रखने के लिये देशव्यापी स्तर पर किये जा रहे उपायों को संतोषजनक बताया।

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