'उत्तर भारत की मानसिकता......', संसद में महिलाओं के आरक्षण पर शरद पवार ने कह दी ये बात

By भाषा | Published: September 18, 2022 02:14 PM2022-09-18T14:14:08+5:302022-09-18T14:21:57+5:30

शरद पवार ने संसद में महिलाओं के आरक्षण के विषय पर उत्तर भारत को लेकर कुछ ऐसा कह दिया जिस पर विवाद मच सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत और संसद की ‘मानसिकता’ महिलाओं को आरक्षण देने के लिए तैयार नहीं है।

mindset of North India and Parliament is not conducive for women's reservation says Sharad Pawar | 'उत्तर भारत की मानसिकता......', संसद में महिलाओं के आरक्षण पर शरद पवार ने कह दी ये बात

महिला आरक्षण के लिए उत्तर भारत एवं संसद की मानसिकता अभी अनुकूल नहीं: शरद पवार (फाइल फोटो)

Highlightsउत्तर भारत और संसद की ‘मानसिकता’ महिलाओं को आरक्षण देने के अभी अनुकूल नहीं लगती: शरद पवारशरद पवार ने कहा कि वह इस मुद्दे को तब से उठा रहे हैं, जब वह लोकसभा में कांग्रेस के सांसद थे।

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि उत्तर भारत और संसद की ‘‘मानसिकता’’ लोकसभा या विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के अभी अनुकूल प्रतीत नहीं होती। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने शनिवार को पुणे चिकित्सक संघ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान दिया।

इस कार्यक्रम में पवार और उनकी बेटी एवं लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले का साक्षात्कार लिया गया था। लोकसभा और सभी विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का प्रावधान करने वाले महिला आरक्षण विधेयक पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि वह संसद में इस मुद्दे को तब से उठा रहे हैं, जब वह लोकसभा में कांग्रेस के सांसद थे।

पवार से पूछा गया था कि यह विधेयक अभी तक पारित नहीं हो पाया है, तो क्या यह दर्शाता है कि देश महिलाओं के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए मानसिक रूप से अभी तैयार नहीं है।

शरद पवार बोले- 'उत्तर भारत की मानसिकता.....'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘संसद, विशेषकर उत्तर भारत की मानसिकता (इस मामले के) अनुकूल नहीं है। मुझे याद है कि जब मैं कांग्रेस में लोकसभा का सदस्य था, तो मैं संसद में महिला आरक्षण के मुद्दे पर बात करता था। एक बार मेरा भाषण पूरा करने के बाद मैं मुड़ा और मैंने देखा कि मेरी पार्टी के अधिकतर सांसद उठे और वहां से चले गए। इसका अर्थ है कि मेरी पार्टी के लोग भी इसे पचा नहीं पाए थे।’’

उन्होंने कहा कि सभी दलों को इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था, तो जिला परिषद और पंचायत समिति जैसे स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की शुरुआत की गई थी। शुरू में इसका विरोध हुआ, लेकिन बाद में लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया।

Web Title: mindset of North India and Parliament is not conducive for women's reservation says Sharad Pawar

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