Coronavirus: प्रवासी श्रमिकों से नहीं बढ़ा देश में कोरोना संक्रमण, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से सच उजागर

By हरीश गुप्ता | Published: June 15, 2020 07:21 AM2020-06-15T07:21:44+5:302020-06-15T07:24:01+5:30

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 7 से 13 जून के दौरान बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामले कम हुए। जबकि इन्ही राज्यों में प्रवासी मजदूर लौटे थे। वहीं, इसके उलट दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब में संक्रमण के मामले बढ़ गये।

Migrant workers did not increased Coronavirus in country Health Ministry data reveals | Coronavirus: प्रवासी श्रमिकों से नहीं बढ़ा देश में कोरोना संक्रमण, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से सच उजागर

प्रवासी श्रमिकों से नहीं बढ़ा देश में कोरोना संक्रमण (फाइल फोटो)

Highlightsदिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटे पर इन्ही राज्यों में बढ़े संक्रमणवहीं, बिहार समेत यूपी और पश्चिम बंगाल में मामले घटे हैं जबकि सबसे ज्यादा प्रवासी इन्हीं राज्यों में लौटे हैं

कोविड-19 महामारी के चलते लाखों की तादात में अपने-अपने राज्य लौटे प्रवासी मजदूरों ने संक्रमण को नहीं फैलाया। यह तथ्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से उजागर हुआ है। सरकार में बैठे नीति निर्माताओं तथा विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताया है था कि यदि प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य लौटने दिया जाएगा तो कोविड-19 संक्रमण फैलेगा। उनका अनुमान गलत निकला।

इन लोगों द्वारा बार-बार जताई जा रही आशंकाओं के कारण केंद्र तथा बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल ने प्रवासी मजदूरों को अपने यहां आने से रोकने की भरसक कोशिश की जबकि बड़ी संख्या में ये अभागे श्रमिक इन्ही राज्यों के थे।

केंद्र तथा राज्यों की अनिच्छा के कारण प्रवासी मजदूरों को भयावह संकट के दौर से गुजरना पड़ा। 'लोकमत समाचार' ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बिहार, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया। आंकड़ों से स्पष्ट है कि बिहार, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में लाखों प्रवासी मजदूरों के पहुंचने के बावजूद कोविड-19 के प्रसार के आंकड़े चिंताजनक नहीं रहे।

वास्तव में 7 से 13 जून के बीच बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम हुए। 7 जून को बिहार में अगर संक्रमितों का आंकड़ा 319 था तो 13 जून को वह घटकर 120 पर आ गया। उत्तर प्रदेश में इन मजदूरों के आने के बाद शहरी इलाकों में कोविड-19 के मामलों में हल्की बढ़त देखी गई लेकिन ग्रामीण इलाकों में संक्रमण नहीं बढ़ा।

आंकड़ों के मुताबिक 7 से 13 जून की अवधि के बीच पश्चिम बंगाल में कोविड-19 संक्रमितों की तादाद 435 से 476 के बीच रही। ये डाटा स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है। इन तीनों राज्यों में 60 लाख प्रवासी श्रमिक दूसरे प्रांतों से पहुंचे थे।

इस मसले पर सरकार की ओर से कोई भी टिप्पणी का इच्छुक नहीं दिखा। इसके बावजूद एक बात साफ है कि यदि हालात से बेहतर समझदारी के साथ निपटा जाता तो प्रवासी मजदूरों को इतनी तकलीफ नहीं उठानी पड़ती।

बिहार, यूपी, बंगाल में कम हुए मामले: दिलचस्प बात ये है कि 7 से 13 जून के दौरान इन तीन राज्यों ने कोविड-19 परीक्षण की संख्या  तेजी से बढ़ाई लेकिन प्रति 100 व्यक्तियों में संक्रमण के मामले में असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई। तस्वीर का दूसरा पहलू दिल्ली, महाराष्ट्र तथा पंजाब में दिखाई दिया जो दर्दनाक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 7 से 13 जून के बीच तीनों राज्यों से लाखों श्रमिकों ने जगह बदली लेकिन यहां कोविड-19 संक्रमण में भारी वृद्धि हुई। महाराष्ट्र में 7 जून को दैनिक संक्रमण के मामले 2739 थे जो 14 जून क बढ़कर 3493 हो गये। दिल्ली में ये संख्या 1320 से बढ़कर 2126 हो गई। पंजाब में भी ऐसा ही चित्र था। इन तीनों राज्यों में कोविड-19 परीक्षण की संख्या भी इस अवधि में बढ़ी।

English summary :
Between 7 and 13 June, cases of coronavirus infection decreased in Bihar. If the number of infected was 319 in Bihar on 7 June, it came down to 120 on 13 June. After the arrival of these laborers in Uttar Pradesh, there was a slight increase in the cases of Kovid-19 in urban areas but the infection did not increase in rural areas.


Web Title: Migrant workers did not increased Coronavirus in country Health Ministry data reveals

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