हर्ष मंदर के एनजीओ के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश, गृह मंत्रालय ने विदेशी चंदे से जुड़े मामले में की कार्रवाई
By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 20, 2023 09:46 PM2023-03-20T21:46:49+5:302023-03-20T21:49:22+5:30
दिल्ली पुलिस ने जांच के आधार पर हर्ष मंदर और उनके एनजीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। शिकायत में स्पष्ट कहा गया था कि चिल्ड्रन होम अपने फंड्स को लेकर कुछ भी साफ तौर पर नहीं बता पाया है। दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की एक निरीक्षण रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें एनजीओ द्वारा स्थापित आश्रय गृहों में वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। एक शेल्टर होम में बाल यौन शोषण का भी मामला सामने आया था।

आईएएस से सामाजिक कार्यकर्ता बने हर्ष मंदर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईएएस से सामाजिक कार्यकर्ता बने हर्ष मंदर के 'अमन बिरादरी' एनजीओ के खिलाफ कथित विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
हर्ष मंदर पिछली यूपीए सरकार के दौरान सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य थे। उन्होंने 'अमन बिरादरी' की स्थापना की थी। मंदर दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हुए आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थे। उन्हें "मनमोहन सिंह सरकार में सबसे शक्तिशाली क्लब" माने जाने वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति में 2010 से 2012 तक सोनिया गांधी के साथ मिलकर काम करने के लिए कांग्रेस का समर्थक भी कहा जाता है।
हर्ष मंदर के 'अमन बिरादरी' एनजीओ पर गलत तरीके से विदेशों से चंदा लेने का आरोप है। 'अमन बिरादरी' ने अपनी वेबसाइट पर उल्लेख किया है कि यह एक धर्मनिरपेक्ष, शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण और मानवीय दुनिया के लिए लोगों लिए काम करने वाली संस्था है। वेबसाइट के अनुसार इस संस्था का उद्देश्य गांव और जिला स्तर पर स्थानीय स्तर की संस्थाओं के निर्माण के माध्यम से विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच सहिष्णुता, बंधुत्व, सम्मान और शांति के आपसी बंधन को मजबूत करने के लिए विभिन्न पृष्ठभूमि और विश्वासों से मुख्य रूप से युवाओं और महिलाओं को शामिल करना है।
साल 2021 में हर्ष मंदर के ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के केस में कार्रवाई की गई थी। हर्ष मंदर दो चिल्ड्रन होम , 'उम्मीद अमन घर' और 'खुशी रेनबो होम' भी चलाते हैं। इन दोनों ही चिल्ड्रन होम के फंड्स को लेकर विवाद है और आरोप ये भी लगा है कि यहां पर रह रहे बच्चों का इस्तेमाल 2020 में हुए CAA प्रदर्शन के दौरान किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने जांच के आधार पर हर्ष मंदर और उनके एनजीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। शिकायत में स्पष्ट कहा गया था कि चिल्ड्रन होम अपने फंड्स को लेकर कुछ भी साफ तौर पर नहीं बता पाया है। दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की एक निरीक्षण रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें एनजीओ द्वारा स्थापित आश्रय गृहों में वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। एक शेल्टर होम में बाल यौन शोषण का भी मामला सामने आया था।