नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: #MeToo कैम्पेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे पूर्व पत्रकार और बीजेपी नेता एमजे अकबर पर अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रतिक्रिया दी है। स्मृति ईरानी ने कहा, "जिन पर आरोप लगे हैं, इस मुद्दे पर बोलने के लिए वह मुझसे बेहतर स्थिति में वही होंगे। कुछ महिला पत्रकारों ने विदेश राज्य मंत्री अकबर के खिलाफ बतौर पत्रकार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
स्मृति ईरानी ने आगे कहा, ''जो भी शख्स इस #MeToo कैम्पेन पर बोल रहा है, उसका किसी भी स्थिति में किसी भी तरीके से मजाक नहीं बनाया जाना चाहिए। ना ही इस मसले को लेकर शर्मिन्दा नहीं किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, ''मैं इस बात की प्रशंसा करती हूं कि मीडिया अपनी (पूर्व) महिला सहयोगियों का साथ दे रहा है लेकिन मेरा मानना है कि संबंधित सज्जन को बयान देना है न कि मुझे क्योंकि मैं व्यक्तिगत रुप से वहां मौजूद नहीं थी।''
#MeToo पर बोलने वाली महिलाओ को परेशना नहीं किया जाना चाहिए
स्मृति ईरानी, ''मैंने इस खास मुद्दे पर बार-बार कहा है कि विशेष तौर पर अपनी आपबीती सामने रख रही महिलाओं को किसी भी तरह शर्मिंदा नहीं होना चाहिए। उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए तथा उनका मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए।''
कांग्रेस ने की थी इस्तीफे की मांग
बता दें कि कांग्रेस ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर को यौन उत्पीड़न के आरोपों पर संतोषजनक स्पष्टीकरण मांगा था और अगर वह ऐसा नहीं कर पा रहे रहे हैं तो उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एस जयपाल रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि एम जे अकबर को संतोषजनक स्पष्टीकरण देना चाहिए या फिर इस्तीफा देना चाहिए। जब उनके साथ काम कर चुकी वरिष्ठ पत्रकारों ने आरोप लगाया है तो फिर वह पद पर कैसे बने रह सकते हैं।’
सरकार करेगी फैसला
एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद उनके इस्तीफे की मांग पर टिप्पणी करने से इंकार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस बारे में सरकार को निर्णय करना है। भाजपा महासचिव ने कहा कि वह (अकबर) सरकार का हिस्सा हैं और इस बारे में सरकार ही निर्णय करेगी ।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट)