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नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच दिल्ली में हुई बैठक, बिहार के सियासी समीकरण में मची उथल-पुथल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 19, 2022 16:55 IST

सीएम नीतीश और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर ने इस सामान्य और शिष्टाचार मुलाकात कह कर तमाम तरह की अटकलों को खारिज कर दिया है।

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ठळक मुद्देनीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर से उनका बड़ा पुराना रिश्ता हैप्रशांत किशोर ने इस मुलाकात को शिष्टाचार के तहत सामान्य भेंट बताया2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह बैठक सियासत की गर्मी को बढ़ाने वाला है

दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) के प्रमुख प्रशांत किशोर के बीच शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक ने बिहार की सियामी समीकरण में गुणा-भाग के पेंच को नये सिरे से उलझा दिया है।

सीएम नीतीश और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर ने इस सामान्य और शिष्टाचार मुलाकात कह कर तमाम तरह की अटकलों को खारिज कर दिया है।

मुलाकात के नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर से उनका बड़ा पुराना रिश्ता है और हर मुलाकात को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

वहीं प्रशांत किशोर ने इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली में नीतीश कुमार के साथ उनकी मुलाकात शिष्टाचार के तहत सामान्य भेंट थी क्योंकि नीतीश कुमार से कोरोना के बाद पहली बार मुलाकात हुई है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले महीने नीतीश कुमार को कोरोना हुआ था, तब टेलीफोन से उनका हाल-चाल लिये थे। अब वो दिल्ली में थे तो मिलकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने खुद फोन करके मुलाकात की इच्छा प्रकट की थी, इसलिए उनसे मिलने चला आया। इस भेंट पर किसी को राजनीति शुबहा नहीं होना चाहिए। यह केवल व्यक्तिगत मुलाकात थी।

लेकिन राजनीक जानकार इस मुलाकात के बीछे ममता बनर्जी की परछाई देख रहे हैं। दरअसल प्रशांत किशोर इस समय ममता बनर्जी के चुनावी सलाहकार बने हुए हैं। वहीं प्रशांत किशोर के प्रबंधन के बल पर ही ममता बनर्जी ने बंगाल में जीत हासिल की और बीजेपी के हराया।

दरअसल अब ममता बनर्जी साल 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए के खिलाफ विपक्षी लामबंदी के तेजी से हवा दे रही हैं। माना जा रहा है कि इसके पीछे भी कहीं न कहीं प्रशांत किशोर की रणनीति काम कर रही है। ऐसे में प्रशांत किशोर का नीतीश कुमार से मिलना। बिहार ते सियासत की गर्मी को बढ़ाने वाला है।

मालूम हो कि प्रशांत किशोर इस मुलाकात से पूर्व कई बार यह कह चुके हैं कि अगर कोई एक राजनेता, जिनके साथ वो एक बार फिर काम करना चाहेंगे तो उनमें नीतीश कुमार उनकी पहली पसंद हैं।

दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात को सार्वजनिक करके फिलहाल भाजपा पर दबाव बनाना चाहते हैं क्योंकि बिहार में कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनसपर एक साथ गठबंधन की गद्दी पर बैठे भाजपा और जदयू में भारी विरोध है। 

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