MCD Polls Results: आप ने बदली अपनी राजनीति की दिशा, बहुसंख्यकवाद के सहारे अब चढ़ेगी राजनीति की सीढ़ियां

By शरद गुप्ता | Published: December 7, 2022 07:23 PM2022-12-07T19:23:59+5:302022-12-07T19:23:59+5:30

यही वजह है कि नगर निगम चुनाव में 250 सीटों पर लड़ी आम आदमी पार्टी के सिर्फ छह मुस्लिम उम्मीदवार ही जीत पाए हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के जो 9 उम्मीदवार जीते हैं उनमें से छह मुस्लिम हैं।

MCD Polls Results: AAP changed the direction of its politics, will now climb the stairs of politics with the help of majoritarianism | MCD Polls Results: आप ने बदली अपनी राजनीति की दिशा, बहुसंख्यकवाद के सहारे अब चढ़ेगी राजनीति की सीढ़ियां

MCD Polls Results: आप ने बदली अपनी राजनीति की दिशा, बहुसंख्यकवाद के सहारे अब चढ़ेगी राजनीति की सीढ़ियां

Highlightsअल्पसंख्यक मतदाताओं ने आप के मुकाबले कांग्रेस को अधिक पसंद कियावार्ड नंबर 189 जाकिरनगर से कांग्रेस की नाजिया दानिश ने आप और भाजपा को धूल चटा दीकांग्रेस को जाकिर नगर, शास्त्री पार्क, ब्रिजपुरी, कबीर नगर, चौहान बाग और अबुल फजल एनक्लेव जैसे उन इलाकों में सफलता मिली

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम का वार्ड नंबर 189 जाकिरनगर में रहते हैं दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और चर्चित आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान। नगर निगम के चुनाव में यहां न आप जीती और न भाजपा। यहां कांग्रेस की नाजिया दानिश ने दिल्ली की दोनों प्रमुख पार्टियों को धूल चटा दी। दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी की बदलती राजनीति और अल्पसंख्यकों के बदलते रुख का संकेत भी हैं।

कभी गोल जालीदार टोपी पहनकर इफ्तार आयोजित करने वाले अरविंद केजरीवाल अब करेंसी नोट पर लक्ष्मी गणेश की फोटो छापने की मांग करने लगे हैं। वे दिल्ली ही नहीं गुजरात चुनाव के दौरान भी बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थयात्रा पर भेजने का वादा करते हैं। लेकिन सिर्फ हिंदू तीर्थस्थानों पर।

केजरीवाल को साफ तौर पर समझ आ गया है कि यदि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि और काशी में भगवान शंकर के मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने वाली भाजपा से टक्कर लेना है तो अल्पसंख्यकवाद छोड़कर बहुसंख्यकों को लुभाना होगा, इसलिए अल्पसंख्यक भी अब आम आदमी पार्टी से पल्ला झाड़ कर कांग्रेस या क्षेत्रीय पार्टियों की ओर रुख कर रहे हैं।

दो वर्ष पहले नागरिकता कानून संशोधन विधेयक (सीएए) और भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर छिड़े आंदोलन से न केवल आम आदमी पार्टी ने किनारा कर लिया था बल्कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में रह रहे जमातियों पर कोरोना फैलाने का आरोप भी लगाया था। देश में दिल्ली पहला राज्य था जो जमातियों के संक्रमण का आंकड़ा अलग जारी कर रहा था।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीलमपुर जैसे इलाकों में हुए दंगों के दौरान आम आदमी पार्टी ने या तो तटस्थ रुख अपनाया या फिर बहुसंख्यकों का साथ देती नजर आई। चुनाव के दौरान भी न सिर्फ आप के सौरभ भारद्वाज जैसे प्रवक्ता बल्कि खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल टीवी कार्यक्रमों में हनुमान चालीसा पढ़ते नजर आए।

कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के मिले वोट

यही वजह है कि नगर निगम चुनाव में 250 सीटों पर लड़ी आम आदमी पार्टी के सिर्फ छह मुस्लिम उम्मीदवार ही जीत पाए हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के जो 9 उम्मीदवार जीते हैं उनमें से छह मुस्लिम हैं। स्पष्ट तौर पर अल्पसंख्यक मतदाताओं ने आप के मुकाबले कांग्रेस को अधिक पसंद किया। वह भी तब जब कांग्रेस ने बेमन से यह चुनाव लड़ा।

यह है फर्क

जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जामा मस्जिद, चांदनी महल, बल्लीमारान और कुरेश नगर जैसे पुरानी दिल्ली के मोहल्लों से जीते हैं तो कांग्रेस को जाकिर नगर, शास्त्री पार्क, ब्रिजपुरी, कबीर नगर, चौहान बाग और अबुल फजल एनक्लेव जैसे उन इलाकों में सफलता मिली है जो दो साल पहले सांप्रदायिक दंगों का शिकार हुए थे।

Web Title: MCD Polls Results: AAP changed the direction of its politics, will now climb the stairs of politics with the help of majoritarianism

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे