मेयर ने कहा, 'नवरात्र पर बंद रहेगी मीट शॉप', दुकानदारों ने दुकान खोलकर कहा- 'नहीं मिला सरकारी आदेश'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 6, 2022 07:48 PM2022-04-06T19:48:45+5:302022-04-06T19:56:21+5:30
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यन ने नगर निगम कमिश्नर को आदेश दिया था कि आगामी सोमवार तक नवरात्रि के मौके पर मांस बिक्री की सभी दुकानों को बंद रखा जाए। लेकिन इस आदेश के उलट मीट की दुकानों पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं दिखाई दे रहा है और सभी दुकाने पुराने रूटीन की तरह खुल रही हैं।
दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के पॉश माने जाने वाले दक्षिण दिल्ली के मेयर ने नवरात्र के समय सभी मीट की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया था लेकिन उसके बाद भी आईएनए मार्केट में मांस की दुकानें खुली रहीं।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यन ने नगर निगम कमिश्नर को आदेश दिया था कि आगामी सोमवार तक नवरात्रि के मौके पर मांस बिक्री की सभी दुकानों को बंद रखा जाए। लेकिन इस आदेश के उलट मीट की दुकानों पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं दिखाई दे रहा है और सभी दुकाने पुराने रूटीन की तरह खुल रही हैं।
इस विवादित मामले में आईएनए मार्केट के कारोबारियों ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा कि कल दुकाने बंद थीं लेकिन आज उन्हें खोल दिया गया है क्योंकि मीट बिक्री प्रतिबंध के संबंध में किसी भी तरह का सरकारी आदेश उन्हें नहीं मिला है। आईएनए मार्केट के दुकानदार कृष्ण कुमार ने कहा, "हम यहां 40 साल से दुकान चला रहे हैं। लेकिन कल से पहले कभी भी हमें अचानक दुकान बंद करने के लिए नहीं कहा गया था।"
उन्होंने कहा, "हमारे पास मीट का बड़ा स्टॉक पर ड़ा हुआ है। यहां कम से कम 40 दुकानों पर मीट बिकता है, जहां कम से कम एक हजार लोग काम करते हैं। अब अगर दुकानों को बंद करा दिया जाएगा तो वो कहां जाएंगे। हमने आज इसलिए मीट की दुकानों को खोला है क्योंकि अभी तक दुकानों को बंद करने के लिए कोई सरकारी आदेश हमें नहीं मिला है।"
इस मामले में आईएनए मार्केट एसोसिएशन के प्रमुख रमेश भुटानी ने कहा कि हमें सरकार की ओर से नवरात्र के अवसर पर दुकानों को बंद करने के लिए कोई आदेश नहीं मिला है।
भुटानी ने कहा, "लॉकडाउन में ऐसा हुआ था और हमें जिलाधिकारी और एसडीएम की ओर से दुकानों को बंद करने का आदेश मिला था, लेकिन इस नवरात्र के मामले में ऐसा कोई आदेश अभी तक नहीं मिला है। हम अपनी दुकानों को बंद नहीं कर सकते हैं।"
दरअसल इस विवाद की शुरूआत उस समय हुई, जब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यन ने अपने अधिकार क्षेत्र में इस बात का ऐलान कर दिया कि नवरात्र जैसे शुभ दिनों में मीट की दुकानों को प्रतिबंधित किया जाता है।
उनका कहना था कि नवरात्र के समय में जब हिंदू पूजा के लिए घरों से निकलते हैं तो उन्हें मीट की दुकाने से आने वाली भीषण दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। मेयर मुकेश सूर्यन के द्वारा मीट के दुकानों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की कड़ी आलोचना हो रही है और इस फैसले को पक्षपातपूर्ण और सांप्रदायिक बताया जा रहा है।
वहीं इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल नेता साकेत गोखले ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर द्वारा दिया गया मौखिक आदेश को असंवैधानिक बताते हुए कहा, "नगर आयुक्त को ऐसे लोगों को मुआवजा देना चाहिए, जिनके इस आदेश से दुकान बंद हो गये और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया।"
समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस समय दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के दायरे में कम से कम 1500 रजिस्टर्ड मीट की दुकाने हैं।