मायावती ने छात्रों के साथ हुई हिंसा पर बीजेपी को घेरा, बोलीं- युवाओं से पकौड़ा बिकवाने की संकीर्ण सोच को बदलें
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 27, 2022 05:10 PM2022-01-27T17:10:04+5:302022-01-27T17:15:14+5:30
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि गरीब युवाओं व बेरोजगार नौजवानों के भविष्य के साथ ऐसे खिलवाड़ और विरोध करने पर उनकी पिटाई सर्वथा अनुचित है
दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चल रहे सियासी घमासान के बीच बुधवार को रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा में धांधली और उसे लेकर हिंसक छात्रों पर हुए बल प्रयोग का मामला अब राजनैतिक रंग ले रहा है। यूपी चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी दल इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
यूपी और बिहार में छात्रों पर हुए पुलिसिया एक्शन के खिलाफ सपा और कांग्रेस तो पहले से भाजपा की निंदा कर रही थी। इसी कड़ी में अब गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी भी बीजेपी पर हमलावर हो गई। बसपा प्रमुख मायावती ने हिंसा की निंदा करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा है कि भाजपा युवाओं से पकौड़ा बिकवाने की अपनी संकीर्ण सोच को बदले।
इस मामले में मायावती ने एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए कहा, "पहले यूपीटीईटी और अब रेलवे के आरआरबी-एनटीपीसी रिजल्ट को लेकर यूपी व बिहार में कई दिनों से भारी हंगामा जारी है, यह सरकारों की विफलताओं का ही प्रमाण हैं। गरीब युवाओं व बेरोजगार नौजवानों के भविष्य के साथ ऐसे खिलवाड़ और विरोध करने पर उनकी पिटाई सर्वथा अनुचित है।"
अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने मोदी सरकार की नीतियों को गरीबी और बेरोजगारी का प्रमुख कारण बताते हुए कहा, "सरकार की गलत नीतियों के कारण गरीबी व बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है। सरकारी नौकरी व उनमें आरक्षण की सुविधा गौण हो गई है। ऐसे में वर्षों से छोटी सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा भी सही से नहीं होना अन्यायपूर्ण। भाजपा युवाओं से पकौड़ा बिकवाने का अपना संकीर्ण विज़न बदले।"
2. सरकार की गलत नीतियों के कारण गरीबी व बेरोजगारी चरम पर पहुँच गई है। सरकारी नौकरी व उनमें आरक्षण की सुविधा गौण हो गई है। ऐसे में वर्षों से छोटी सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा भी सही से नहीं होना अन्यायपूर्ण। भाजपा युवाओं से पकोड़ा बिकवाने का अपना संकीर्ण विज़न बदले। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) January 27, 2022
यूपी चुनाव के समय जिस तरह से विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर अपना गुस्सा जता रहे हैं। उससे आने वाले वक्त में बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। बसपा प्रमुख मायावती से पहले समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने छात्रों पर हुई हिंसा के मामले में सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए ट्वीट किया था।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी युवाओं ने नौकरी और अपने अधिकार मांगे तो प्रदेश सरकार ने उन पर डंडों से प्रहार किया है। इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रयागराज में हुए पुलिसिया बर्बरता पर योगी सरकार की घोर आलोचना की है।
अखिलेश यादव ने उस मसले पर ट्वीट किया, "इलाहाबाद में अपने रोजगार के लिए हक की आवाज बुलंद करने वाले बेगुनाह छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसक प्रहार शर्मनाक एवं घोर निंदनीय है। भाजपा सरकार में छात्रों के साथ जो दुव्र्यवहार हुआ है, वो भाजपा के ऐतिहासिक पतन का कारण बनेगा। सपा संघर्षशील छात्रों के साथ है।"
इलाहाबाद में अपने रोज़गार के लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करने वाले बेगुनाह छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसक प्रहार… शर्मनाक एवं घोर निंदनीय है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 26, 2022
भाजपा सरकार में छात्रों के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है, वो भाजपा के ऐतिहासिक पतन का कारण बनेगा।
सपा संघर्षशील छात्रों के साथ है! pic.twitter.com/ii7QyIXd3b
मालूम हो कि गणतंत्र दिवस के दिन जब पूरा देश जश्न मना रहा था। उत्तर प्रदेश और बिहार में बेरोजगार छात्र रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी मामले में यूपी के प्रयागराज में उग्र छात्रों ने प्रयाग स्टेशन पर एक ट्रेन को आग हवाले करने का प्रयास किया। जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
इसके बाद विपक्ष लाठीचार्ज को लेकर योगी सरकार को घेरने लगी तो आननफानन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बयान जारी किया कि प्रयागराज में बल प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों को शासन द्वारा दंडित किया जाएगा।
डिप्टी सीएम के इस बयान के बाद पुलिस महकमे ने तेजी दिखाते हुए ड्यूटी में लापरवाही और डेलीगेसी में घुस कर छात्रों पर लाठीचार्ज के दोषी छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।