मायावती ने बताया 'नाटकबाजी' तो शिवपाल यादव ने कहा 'ओछे हथकंडे' अपना रही बीजेपी, सीएम शिवराज सिंह चौहान के आदिवासी शख्स के पैर धोने पर विपक्ष का हमला तेज
By राजेंद्र कुमार | Published: July 6, 2023 07:46 PM2023-07-06T19:46:32+5:302023-07-06T19:47:37+5:30
दलित या आदिवासी व्यक्ति के उत्पीड़न का कोई मसला हो तो बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती तुरंत सक्रिय हो जाती हैं. मध्य प्रदेश के पेशाब कांड को लेकर भी यही हो रहा हैं. एक दिन पहले ही मायावती ने पेशाब कांड के दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग थी.
वही गुरुवार को मायावती ने पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी दशमत रावत के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा पैर धोने को मायावती ने नाटकबाजी और चुनावी स्वार्थ की राजनीति बताया दिया. सिर्फ मायावती ही नहीं समाजवादी पार्टी ने नेताओं ने भी शिवराज सिंह के इस कृत्य की निंदा की है.
सपा नेता शिवपाल सिंह यादव का कहा है कि सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए ही शिवराज सिंह अब ओछे हथकंडे अपना रहे हैं.मालूम हो कि इसी सप्ताह सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिससे यह पता चला कि एक आदिवासी युवक दशमत रावत पर स्थानीय भाजपा नेता प्रवेश शुक्ल ने पेशाब कर दिया था.
इस वीडियो के आधार पर बसपा मुखिया मायावती ने एक दिन पूर्व ट्वीट कर इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग थी. उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी/दलित युवक पर स्थानीय दबंग नेता द्वारा पेशाब किए जाने की घटना अति-शर्मनाक, जिस अमानवीय कृत्य की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है.
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद ही मध्य प्रदेश सरकार का जागना उनकी संलिप्तता को साबित करता है, यह भी अति-दुखद है. मायावती के इस कथन के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने पेशाब कांड के दोषी प्रवेश शुक्ला को गिरफ़्तार कर उसके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की. जिसके बाद गुरुवार की सुबह मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी दशमत रावत को अपने मुख्यमंत्री आवास बुलाकर उनसे माफी मांगी.
फिर उन्होंने दशमत के पैर धोए, तिलक लगाया, फूल माला पहनाई और फिर उनके चरण रज को अपने सिर से लगाया. मानो वे पश्चाताप कर रहे हों.इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो मीडिया में जारी भी किया गया. जिसके देखने के तत्काल बाद मायावती ने एक ट्वीट के जरिए शिवराज सिंह की कड़ी आलोचना की. मायावती ने दशमत के पैर धोने को शिवराज चौहान का नाटक बताया है.
आरोप लगाया कि ये पश्चाताप नहीं वोट की राजनीति है. 600 किलोमीटर दूर से दशमत रावत को भोपाल बुलाकर शिवराज चौहान ने ठीक काम नहीं किया है. मायावती के मुताबिक यह सब चुनाव को देखते हुए किया जा रहा है. मायावती ने कहा है कि दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों में बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी है.
यूपी से सटे मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बसपा का ठीक ठाक प्रभाव है. मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव हैं. ऐसे में पेशाब कांड के बाद बैकफुट पर आ चुकी भाजपा सरकार डैमेज कंट्रोल करने के चक्कर में अपनी जगहंसाई करवाती नजर आ रही है.सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के अनुसार, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गुरुवार को दशमत रावत के अपने आवास पर पैर पखारने का जो नाटक किया वह आदिवासी वोटों के नुकसान को बचाने के लिए किया गया है.
पूरा मामला ही आदिवासी वोट बचाने का है. मध्य प्रदेश की 47 सीटें आदिवासियों मतलब एसटी के लिए रिजर्व हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 31 तो भाजपा को बस 16 सीटें मिली थीं. इससे पहले साल 2008 और 2013 के चुनाव में भाजपा को 31 सीटें मिली थीं. पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटरों के नाराज होने के कारण भाजपा को नुकसान हुआ था.
इसीलिए इस बार भाजपा का सारा फोकस इसी वोट बैंक पर है. ऐसे में पेशाब कांड का वीडियो सामने आ गया. भाजपा के नेता ही इस कांड का मुख्य आरोपी है, जिसके चलते मध्य प्रदेश की सरकार डैमेज कंट्रोल करने में जुटी है. और विपक्ष इस कांड को लेकर शिवराज सिंह सरकार पर हमलावर है. बसपा और सपा अब मध्य प्रदेश के इस कांड को लेकर यूपी के गांव-गांव में भाजपा को दलित विरोधी साबित करने में जुटेंगे.