महागठबंधन की रैली में मायावती को याद आया 'गेस्ट हाउस कांड', 25 सालों बाद मुलायम के साथ साझा किया मंच
By पल्लवी कुमारी | Published: April 19, 2019 01:34 PM2019-04-19T13:34:15+5:302019-04-19T13:34:15+5:30
बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की घोषणा करते वक्त भी बसपा प्रमुख मायावती ने 1995 में हुये चर्चित 'गेस्ट हाउस कांड' को दो बार याद किया था।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में शुक्रवार (19 अप्रैल) को महागठबंधन (एसपी-बीएसपी-आरएलडी) की रैली के दौरान करीब 25 साल बाद मायावती और मुलायम सिंह यादव एक मंच पर नजर आये। इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद थे। हालांकि, आरएलडी की ओर से अजीत सिंह मंच पर मौजूद नजर नहीं आये। मायावती ने यहां जनसभा को संबोधित करते हुए 'गेस्ट हाउस कांड' को भी याद किया है। पिछले दो दशकों में जब भी सपा और बसपा के गठबंधन की बात हुई, लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड का जिक्र जरूर आया है।
मायावती ने कहा, बीजेपी को हराने के लिए मैं 25 साल पुरानी बात ('गेस्ट हाउस कांड') को भुलाकर एक साथ आई हूं। इस बात का जवाब मेरे से कई लोग जानना चाहते थे कि आखिर मैं उस कांड को भुलाकर क्यों सपा के साथ आई हूं। इसके पीछे की वजह साफ है कि बीजेपी को हराना।
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नकली पिछड़ा' बताते हुए मुलायम सिंह यादव को ओबीसी का असली नेता बताया है। मायावती मैनपुरी से सपा के लोकसभा चुनाव उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव के लिए वोट माँग रही थीं।
मैनपुरी: 'सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन' सपा, बसपा और आरएलडी की संयुक्त महारैली#MahaGathbandhan से #MahaParivartanpic.twitter.com/a3GnjCDupx
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 19, 2019
बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की घोषणा करते वक्त भी बसपा प्रमुख मायावती ने 1995 में हुये चर्चित 'गेस्ट हाउस कांड' को दो बार याद किया था।
मुलायम सिंह ने जनसभा में क्या कहा?
मुलायम ने जनता को संबोधित करते हुए कहा उन्हें खुशी है कि लंबे समय बाद सभी साथ में हैं। मुलायम ने साथ में ही कहा कि वे आखिरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मुलायम ने मैनपुरी की जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'आखिरी बार मैं लोगों की मांग पर चुनाव लड़ने जा रहा हूं। मुझे भारी बहुमत से जरूर जिताना।' मुलायम सिंह यादव ने चुनावी रैली में अपने समर्थकों से हमेशा मायावती का सम्मान करने को कहा।
मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। मुलायम सिंह की पकड़ मैनपुरी में काफी मजबूत है। वह लंबे समय से इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और जीतते भी आए हैं।
गेस्ट हाउस कांड मामला
1995 में 'गेस्ट हाउस कांड' लखनऊ में हुआ था। दो जून 1995 की शाम को बसपा ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई। लखनऊ के गेस्ट हाउस में मायावती अपने विधायकों के साथ गठबंधन तोड़ने पर चर्चा कर रही थीं। इसी बीच कथित तौर पर सपा के करीब 200 कार्यकर्ताओं और विधायकों ने गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया।
इस दौरान बसपा के विधायकों के साथ कथित तौर पर मारपीट शुरू की गयी। मायावती ने खुद को एक कमरे में बंद कर दिया। कुछ देर में भीड़ मायावती के कमरे तक पहुंची और दरवाजा तोड़ने की कोशिश करने लगी। सपा के लोग उसे खोलने की कोशिश कर रहे थे और बचने के लिए भीतर मौजूद लोगों ने दरवाजे के साथ सोफे और मेज लगा दिए थे ताकि चटकनी टूटने के बावजूद दरवाजा ना खुल सके। बताया जाता है कि इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने मायावती को कथित तौर पर अपशब्द कहे और जातिसूचक शब्द भी बोले। उन्होंने मायावती के साथ कथित तौर पर बदसलूकी का भी प्रयास किया। कुछ ही देर में एसपी और डीएम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और सपा समर्थकों को वहां से भगाया।
बाबरी मस्जिद गिराये जाने के बाद उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार बर्खास्त कर दी गई थी। सपा नेता मुलायम सिंह यादव और बसपा के संस्थापक कांशीराम ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए गठबंधन किया था।
यहां देखें रैली की पूरी वीडियो- मैनपुरी: 'सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन' सपा, बसपा और आरएलडी की संयुक्त महारैली https://t.co/cBiB861riO