Maratha Reservation: शिंदे सरकार ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 20, 2024 11:08 AM2024-02-20T11:08:31+5:302024-02-20T11:11:09+5:30
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है।
मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूबे की एकनाथ शिंदे सरकार ने बीते कई दिनों से प्रदेश में चल रहे मराठा आरक्षण की मांग पर बेहद महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है। महाराष्ट्र कैबिनेट के इस फैसले से बीते कई महीनों से चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के समाप्त होने की उम्मीद की जा रही है।
मनोज जरांगे की अगुवाई में चल रहे मराठा आरक्षण के लिए लाखों आरक्षण समर्थक मुंबई सहित पूरे सूबे में प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर रहे थे। इस समस्या के समाधान के लिए बीते 20 फरवरी को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया। शिंदे सरकार जल्द से जल्द इस जटिल मसले को सुलझाने की कोशिश कर रही थी। इसी के तहत सरकार ने मराठाओं को शिक्षा और सरकार नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
Maratha Reservation | Maharashtra Cabinet approved the draft of the bill for 10% Maratha reservation in education and government jobs
— ANI (@ANI) February 20, 2024
मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा ने 2018 में ही मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में 16 फीसदी आरक्षण देने वाला विधेयक पारित किया था। मगर इससे राज्य में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा से ऊपर चला गया। जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में इसे असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था।
सरकार ने इसका एक व्यावहारिक उपाय यह निकाला कि मराठा समुदाय को कुणबी सर्टिफिकेट देकर आरक्षण का हकदार बना दिया जाए, जिससे कुल आरक्षण सीमा के अंदर रहते हुए ही उनकी मांग पूरी हो जाए। लेकिन मराठा समुदाय के कथित ओबीसीकरण की इस कोशिश पर कुणबी समुदाय नाराज हो गया। उसका कहना था कि इससे आरक्षण के उसके हिस्से में कटौती होगी।
महाराष्ट्र में लगभग 30 फीसदी की जनसंख्या वाला मराठा समुदाय राजनीतिक तौर पर बेहद प्रभावशाली माना जाता है। इस कारण से सभी राजनीतिक दल चाहते हैं कि मराठाओं को आरक्षण मिले लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के कारण उन्हें आरक्षण देने में कठिनाई आ रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शिंदे सरकार से पास हुआ मराठाओं का 10 फीसदी का कोटा कुल आरक्षण सीमा 50 फीसदी में किस तरह से फिट बैठता है।