Maratha Reservation: मनोज जारांगे ने दोटूक कहा, "मुंबई के आज़ाद मैदान में होकर रहेगा विरोध प्रदर्शन, करेंगे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 26, 2024 12:56 PM2024-01-26T12:56:39+5:302024-01-26T12:59:34+5:30
मराठा आरक्षण आदोलन की अगुवाई कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने स्पष्ट कह दिया है कि वो किसी भी कीमत पर मराठा आरक्षण लेकर रहेंगे और इसके लिए मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन होकर रहेगा।
मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सियायती तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बीच मराठा आरक्षण आदोलन की अगुवाई कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने स्पष्ट कह दिया है कि वो किसी भी कीमत पर मराठा आरक्षण लेकर रहेंगे और इसके लिए मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन होकर रहेगा। खबरों के मुताबिक मराठा प्रदर्शनकारी इसके लिए आज़ाद मैदान में जुटने भी शुरू हो गये हैं।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मनोज जारंगे पाटिल ने शुक्रवार को शिंदे सरकार के लिए दोटूक चेतावनी जारी करते हुए साफ कर दिया कि वो किसी भी कीमत पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे। मनोज पाटिल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण पाने का लिए लाखों लोग मुंबई पहुंच रहे हैं।
वहीं शिंदे सरकार की ओर से सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे सरकारी अधिकारियों की एक टीम मनोज जारांगे-पाटिल को मुंबई में आने से रोकने के लिए मान-मनुव्वल में जुट गये हैं। सरकार आजाद मैदान से लगभग 30 किमी दूर वाशी पहुंच चुके मराठा प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। सरकार को आशंका है कि अगर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मुंबई में प्रवेश करते हैं तो अराजकता फैल सकती थी और पूरा मुंबई भीड़ के कारण जाम हो सकता है।
हालांकि सरकार की ओर से मनोज पाटिल के मार्च को रोकने और भूख हड़ताल न करने की सारी कवायद बेकार साबित हुई है। अधिकारियों के साथ हुई आखिरी बैठक के बाद मनोज जारांगे-पाटिल द्वारा शिवाजी महाराज चौक पर एक रैली को संबोधित करने की उम्मीद की जा रही थी।
मालूम हो कि जारांगे पाटिल ने 20 जनवरी को यह कहते हुए मराठा आरक्षण मार्च शुरू किया कि जब तक राज्य सरकार बड़े पैमाने पर कृषि पर निर्भर समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा नहीं करती, तब तक वह आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे।
वहीं दूसरी ओर मुंबई पुलिस ने आज़ाद मैदान तक मार्च ले जाने की मनोज पाटिल की अनुमति ख़ारिज कर दी है लेकिन बावजूद उसके प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अभी भी डटे हुए हैं। खबरों के अनुसार मराठा आरक्षण मार्च को ईस्टर्न फ़्रीवे और पीडी'मेलो रोड से मुंबई में प्रवेश करने की अनुमति दी जा सकती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शहर में कोई ट्रैफ़िक समस्या न खड़ी हो।
जारांगे-पाटिल के विरोध को महाराष्ट्र के इतिहास का सबसे बड़ा विरोध बताया जा रहा है। आयोजकों ने गुरुवार को मराठा समुदाय के सदस्यों से कहा था कि वो पहले वाशी में आयोजिक हो रहे मार्च में शामिल हों। मराठा आंदोलनकारी दावा कर रहे हैं कि उनकी मांग को लेकर दस लाख से अधिक लोग मार्च का हिस्सा लेंगे।
वहीं सरकार की ओर से विवाद को शांत करने की दिशा में कहा गया है कि सरकार जारांगे-पाटिल की मांग को स्वीकार करने का वादा करती है। मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना ताहिए लेकिन उसके लिए जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन होना आवश्यक है। लेकिन सरकार के इस अश्वासन के बावजूद जारांगे-पाटिल ने आरक्षण की घोषणा होने तक अपना आंदोलन जारी रखने पर जोर दिया है।