जयंतीः मनोहर पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक में अदा किया था अहम रोल, जानिए उनसे जुड़ी ये दिलचस्प बातें
By रामदीप मिश्रा | Published: December 13, 2019 10:23 PM2019-12-13T22:23:33+5:302019-12-13T22:23:33+5:30
मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च, 2019 को अग्नाशय कैंसर के कारण निधन हो गया था। वह 63 वर्ष के थे। वह करीब एक साल से बीमार रहे। कैंसर के लिए वह कुछ महीनों तक अमेरिका भी इलाज करवाकर भी गए थे।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद्दावर नेता रहे मनोहर पर्रिकर की आज जयंती है। उनका जन्म 13 दिसंबर, 1955 को हुआ था। मध्यमवर्गिय परिवार में 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक के रूप में करियर शुरू किया। यहां तक कि आईआईटी बंबई से स्नातक करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे। सक्रिय राजनीति में पर्रिकर का पदार्पण 1994 में पणजी सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीतने के साथ हुआ। मनोहर पर्रिकर 2014 से 2017 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री रहे।
मनोहर पर्रिकर तीन बार रहे मुख्यमंत्री
मनोहर पर्रिकर पहली बार साल 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद साल 2012 में दूसरी बार थे। फिर उन्हें नवंबर 2014 में देश का रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था। हालांकि उन्होंने मार्च 2017 में रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देकर गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे।
मनोहर पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक को दिया अंजाम
मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते भारत ने पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। उन्हें भारतीय राजनीति के सबसे ईमानदार नेताओं में गिना जाता रहा है। वह अक्सर गोवा की सड़कों पर स्कूटी से निकल लेते थे और आमजन की नब्ज टटोलने के लिए चाय की दुकानों पर चुस्की लेते हुए देखे जाते थे। अक्सर देखा गया है कि मनोहर पर्रिकर का आमजन के लिए घर का दरवाजे हमेशा खुला रहता था। उनके जीवन की सादगी इससे भी देखी जाती थी कि वह हमेशा चप्पल में ही घर से निकलते थे। उन्होंने अपनी सादगी का ढिंढोरा कभी नहीं पीटा।
मनोहर पर्रिकर का कैंसर के कारण हुआ था निधन
आपको बता दें कि मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च, 2019 को अग्नाशय कैंसर के कारण निधन हो गया था। वह 63 वर्ष के थे। वह करीब एक साल से बीमार रहे। कैंसर के लिए वह कुछ महीनों तक अमेरिका भी इलाज करवाकर भी गए थे। स्वदेश वापस लौटने के बाद वह कुछ महीनों तक दिल्ली के एम्स में भी भर्ती थे।