लगातार दूसरी बार हरियाणा के CM बनने वाले गैर जाट नेता मनोहर लाल खट्टर का राजनीतिक सफर, पीएम मोदी की तरह रहे हैं RSS प्रचारक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 27, 2019 02:59 PM2019-10-27T14:59:28+5:302019-10-27T14:59:28+5:30

2014 के विधानसभा चुनाव में खट्टर पहली बार ही चुनाव लड़े थे और भारी मतों से जीते भी। और वही समय था जब वो पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठे। हालांकि कहा जाता रहा कि उन्हें प्रशासन का अनुभव नहीं है और जाट आंदोलन, राम रहीम मामले में स्थितियों न संभाल पाने के भी उन पर आरोप लगे...

manohar lal khattar political career haryana cm | लगातार दूसरी बार हरियाणा के CM बनने वाले गैर जाट नेता मनोहर लाल खट्टर का राजनीतिक सफर, पीएम मोदी की तरह रहे हैं RSS प्रचारक

फाइल फोटो

Highlights2014 के विधानसभा चुनाव में खट्टर को करनाल से विधानसभा टिकट दिया गया। खट्टर साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन भी रहे।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद रविवार को मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह पहली बार है जब कोई गैर जाट लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बना है। खट्टर ने संघ और राजनीति में एक लंबा सफर तय किया है। रोहतक में जन्में खट्टर का परिवार आजादी के बाद पाकिस्तान से आकर इस गांव में बसा था। ग्रेजुएशन करने के दौरान खट्टर एक दुकान चलाया करते थे।

साल 1977 में खट्टर ने RSS ज्वाइन किया और फुल टाइम प्रचारक बन गये और फिर 1994 में बीजेपी के सदस्य बन गये। खट्टर को साल 200 में हरियाणा का महासचिव बनाया गया। खट्टर साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन भी रहे।

2014 के विधानसभा चुनाव में खट्टर को करनाल से विधानसभा टिकट दिया गया। इसी के चलते खट्टर को विरोध का सामना भी करना पड़ा क्योंकि खट्टर रोहतक के रहने वाले थे और टिकट करनाल से मिला था। नतीजे आये और खट्टर बड़े अंतर से (63,733 मतों) चुनाव में जीते। यही वो चुनाव भी था जब मोदी लहर का आगाज हुआ था। इस लहर में बीजेपी को हरियाणा में भी पूर्ण बहुमत मिला। अब वह जिसे चाहे मुख्यमंत्री बना सकती थी और सब को चौंकाते हुये मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया।

मनोहर लाल खट्टर अविवाहित हैं, उन्होंने संघ का प्रचारक बनने का फैसला किया। संघ के प्रचारक के दौर में ही उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से हुई थी। हालांकि उस समय दौरान नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे। मोदी उस वक्त हरियाणा बीजेपी के प्रभारी हुआ करते थे। कहा जाता है कि दोनों की घनिष्ठता खट्टर को सीएम बनाने की एक बड़ी वजह है।

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