लाइव न्यूज़ :

'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी नहीं रहीं, 90 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

By अनिल शर्मा | Updated: November 15, 2021 16:01 IST

'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी नहीं रहीं। वह 90 साल की थीं। मन्नू भंडारी ने अपनी बेहतरीन कहानियों और उपन्यासों से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया।

Open in App
ठळक मुद्देमन्नू भंडारी की कहानी 'यही सच है' पर बासु चैटर्जी ने 1974 में 'रजनीगंधा' फिल्म भी बनाई थी90 साल की उम्र में उन्होंने सोमवार को इस दुनिया को अलविदा कह दिया

नई दिल्लीः 'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी नहीं रहीं। वह 90 साल की थीं। मन्नू भंडारी ने अपनी बेहतरीन कहानियों और उपन्यासों से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। उनकी लिखी एक कहानी 'यही सच है' पर बासु चैटर्जी ने 1974 में 'रजनीगंधा' फिल्म भी बनाई थी। 'आपका बंटी' उनकी प्रसिद्ध कृति मानी जाती है।

मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुआ था। उनके बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था। हालांकि जब उन्होंने लेखन में अपना कदम रखा तो मन्नू भंडारी नाम चुना। बचपन में लोग उन्हें मन्नू नाम से ही पुकारते थे। वह सुप्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव की पत्नी थीं। वह अध्यापन से भी जुड़ी रहीं। दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में वह लंबे समय तक पढ़ाती रहीं।

मन्नू भंडारी की प्रसिद्ध कृतियां

मन्नू भंडारी ने एक से बढ़कर एक कहानियों का सृजन किया। जिनमें - 'मैं हार गई', 'तीन निगाहों की एक तस्वीर', 'एक प्लेट सैलाब', 'यही सच है', 'आंखों देखा झूठ' और 'त्रिशंकु' जैसी कहानियां प्रमुख हैं। 

पहला उपन्यास- 'एक इंच मुस्कान' 

मन्नू भंडारी का पहला उपन्यास साल 1961 में प्रकाशित हुआ था जिसका नाम था- 'एक इंच मुस्कान'।  उन्होंने इस पहले उपन्यास को अपने पति साहित्यकार राजेंद्र यादव के साथ मिल कर लिखा था। प्रेम त्रिकोण पर लिखी यह किताब अपने समय में काफी चर्चित हुई थी और लोगों ने इसे बहुत पसंद किया था। लेकिन उन्होंने पहली किताब 'मैं हार गई' 1957 में ही लिखी थी।

ब्रिटिश अभिनेता ने 'महाभोज' पर टेली फिल्म बनाई थी

मन्नू भंडारी की कृतियों पर फिल्में भी बनीं। 'स्वामी', 'रजनीगंधा' और 'जीना यहां' उनकी कृतियों पर बनी हिन्दी फिल्मे हैं। ब्रिटिश अभिनेता विलियम ऐश ने बीबीसी के लिए 'महाभोज' पर आधारित एक टेली फिल्म भी बनाई थी।

  

टॅग्स :हिंदी साहित्यहिंदी समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतछत्तीसगढ़: हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

भारतअपनी शब्दों की गहराई से दिल को छूता साहित्य, भावनात्मक सौंदर्य को और निखारकर अमर बना देती कला?

भारतसेपियंस से इनसान की प्रवृत्ति समझाते हरारी, सांकृत्यायन और नेहरू

भारतHindi Diwas 2025: साहित्यकारों की रीढ़ की हड्डी है हिंदी, अंशुमन भगत बोले-समाज के लिए आधारस्तंभ

विश्वकामू की फुटबॉल और महान दोस्ती का साहित्यिक अंत

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत