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'मन की बात' में सर्जिकल स्ट्राइक पर बोले PM, सेना ने आतंकवाद को दिया मुंहतोड़ जवाब

By स्वाति सिंह | Updated: September 30, 2018 11:10 IST

'Mann Ki Baat' with PM Narendra Modi 48th edition: यह कार्यक्रम प्रसारण लाइव प्रसारण दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर)  पर किया जा रहा है। इसका दोबारा प्रसारण रात 8 बजे भी किया जाएगा। 

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नई दिल्ली, 30 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश को संबोधित किया। यह 'मन की बात' का 48वां संस्करण है। यहां पढ़ें पीएम मोदी की मन की बात की ताज़ा अपडेट्स... 

- प्रधानमंत्री ने कहा कि गाँधी जी का एक जंतर आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है और वह ये है कि हम खरीदारी करते समय यह सोचें कि मैं जो चीज़ खरीद रहा हूँ उससे मेरे देश के किस नागरिक का लाभ होगा, कौन भाग्यशाली होगा जिसका मेरी खरीद से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से लाभ होगा।

- बापू ने हम सब को एक प्रेरणादायक मंत्र दिया था जिसे अक्सर गाँधी जी का तलिस्मान के नाम से जाना जाता है।

- स्वतंत्रता संग्राम में उनका सबसे बड़ा योगदान ये रहा कि उन्होंने इसे एक व्यापक जन-आंदोलन बना दिया। स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में महात्मा गाँधी के आह्वान पर समाज के हर क्षेत्र, हर वर्ग ने स्वयं को समर्पित कर दिया।

- पूज्य बापू लोक संग्राहक थे,लोगों से जुड़ जाना और उन्हें जोड़ लेना उनकी विशेषता थी, ये उनके स्वभाव में था। यह उनके व्यक्तित्व की सबसे अनूठी विशेषता थी। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को ये अनुभव कराया कि वह देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण और नितांत आवश्यक है।

- "आज की 'मन की बात' में, मैं आपके साथ पूज्य बापू के एक और महत्वपूर्ण कार्य की चर्चा करना चाहता हूँ, जिसे अधिक-से-अधिक देशवासियों को जानना चाहिए" 

- पीएम ने कहा कि महात्मा गाँधी के विचारों ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर,नेल्सन मंडेला जैसी महान विभूतियाँ,हर किसी ने गाँधी जी के विचारों से शक्ति पाई है जिससे वे अपने लोगों को समानता और सम्मान का हक दिलाने के लिए लम्बी लड़ाई लड़ सके।

- प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे राष्ट्र के लिए 2 अक्टूबर के दिन के महत्व को बच्चा-बच्चा जानता है। इस वर्ष 2 अक्टूबर का और एक विशेष महत्व है। अब से 2 साल के लिए हम महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के निमित्त विश्वभर में अनेक कार्यक्रम करने वाले हैं। 

- प्रधानमंत्री ने अभिलाष टोमी के उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की और कहा कि  उनका ये साहस,पराक्रम, उनकी संकल्प शक्ति, जूझने की और जीतने की ताक़त हमारे देश की युवा-पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। - पिछले 80 दिनों से, वे दक्षिण हिन्द महासागर में गोल्डन ग्लोब रेस में भाग लेने समुंदर में अपनी गति को बनाये रखते हुए आगे बढ़ रहे थे लेकिन भयानक समुद्री तूफ़ान ने उनके लिए मुसीबत पैदा की लेकिन भारत के नौसेना का ये वीर समुंदर के बीच अनेक दिनों तक जूझता रहा, जंग करता रहा। 

- पिछले दिनों नौसेना के हमारे अधिकारी अभिलाष टॉमी अपने जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे थे और पूरा देश उन्हें बचाने के लिए चिंतित था। टोमी एक बहुत साहसी अधिकारी हैं। वे अकेले कोई भी आधुनिक तकनीक बिना, एक छोटी सी नाव ले कर विश्व भ्रमण करने वाले पहले भारतीय थे।

- “भारत गर्व से कह सकता है कि भारत की सेना में सशस्त्र बलों में पुरुष शक्ति ही नहीं, स्त्री-शक्ति का भी उतना ही योगदान बनता जा रहा है। नारी सशक्त तो है, अब सशस्त्र भी बन रही है।” 

- देश में स्त्री और पुरुष की समानता सुनिश्चित करने में वायुसेना ने मिसाल कायम करते हुए अपने प्रत्येक विभाग के द्वार उनके लिए खोल दिए हैं।अब महिलाओं के पास शॉर्ट सर्विस कमीशन के साथ परमानेंट कमिशन का विकल्प भी है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने लाल किले से की थी।

-“राहत कार्य हो, बचाव कार्य हो या फिर आपदा प्रबंधन, हमारे एयर वारियर के सराहनीय कार्य को लेकर देश वायुसेना के प्रति कृतज्ञ है”। 

1947 में वायुसेना ने श्रीनगर को हमलावरों से बचाने के लिए ये सुनिश्चित किया कि भारतीय सैनिक और उपकरण युद्ध के मैदान तक समय पर पहुंच जाएं। वायुसेना ने 1965 में भी दुश्मनों को मुँहतोड़ ज़वाब दिया।1999 करगिल की घुसपैठियों के कब्ज़े से मुक्त कराने में भी वायुसेना की भूमिका अहम रही है।

पीएम मोदी ने कहा “देश के लिए अपनी सेवा देने वाले सभी एयर वारियर और उनके परिवारों का मैं अपने ह्रदय की गहराई से अभिनंदन करता हूँ ।' 

- प्रधानमंत्री ने मन की बात का आरम्भ करते हुए कहा कि हर भारतीय को हमारे सशस्त्र बलों पर,सेना के जवानों पर गर्व है. प्रत्येक भारतीय चाहे वो किसी भी क्षेत्र,जाति, धर्म, का क्यों न हो, हमारे सैनिकों के प्रति अपनी खुशी और समर्थन अभिव्यक्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। 

- पीएम मोदी ने कहा 'कल भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने 2016 में हुए सर्जरिकल स्ट्राइक को याद करते हुए पराक्रमपर्व मनाया, जब हमारे सैनिकों ने हमारे राष्ट्र पर आतंकवाद की आड़ में प्रॉक्सी वॉर की धृष्टता करने वालों को मुँहतोड़ ज़वाब दिया था। 

- उन्होंने कहा 'पराक्रमपर्व पर देश में अलग-अलग स्थानों पर हमारे सशस्त्र बलों ने प्रदर्शनियां लगाईं  ताकि देश के नागरिक खासकर युवा-पीढ़ी यह जान सके कि हमारी ताक़त क्या है ,हम कितने सक्षम हैं और कैसे हमारे सैनिक अपनी जान जोखिम में डालकर देशवासियों की रक्षा करते हैं।

- पराक्रम पर्व जैसा दिवस युवाओं को हमारी सशस्त्र सेना के गौरवपूर्ण विरासत की याद दिलाता है और देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रेरित भी करता है।'

- पीएम मोदी ने कहा 'पराक्रमपर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने वीरों की भूमि राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम में स्वयं के भाग लेने का जिक्र करते हुए कहा कि अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ ज़वाब देंगे जो हमारे राष्ट्र में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे।'

- 8 अक्टूबर को हम ‘वायुसेना दिवस’ मनाते हैं।1932 में छह पायलट और 19 वायु सैनिकों के साथ एक छोटी सी शुरुआत से हमारी वायुसेना आज 21वीं सदी की सबसे साहसिक और शक्तिशाली एयर फ़ोर्स में शामिल हो चुकी है।यह अपने आप में एक यादगार यात्रा है। 

- प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी यूएन की अलग-अलग पिस कीपिंग फोर्सेस में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में से एक है। दशकों से हमारे बहादुर सैनिकों ने ब्लू हेलमेट पहन कर विश्व में शांति कायम रखने में अहम भूमिका निभाई है। 

- 23 सितंबर को हमने इस्राइल में हैफा की लड़ाई के सौ वर्ष पूरे होने पर मैसूर, हैदराबाद और जोधपुर लान्सर के हमारे वीर सैनिकों को याद किया जिन्होंने आक्रान्ताओं से हैफा को मुक्ति दिलाई थी, यह भी शांति की दिशा में हमारे सैनिकों द्वारा किया गया एक पराक्रम था। 

- हम शांति में विश्वास करते हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सम्मान से समझौता करके और राष्ट्र की सम्प्रभुता की कीमत पर कतई नहीं, भारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है"।

कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने लोगों से सुझाव मांगे थे। यह कार्यक्रम प्रसारण लाइव प्रसारण दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर)  पर किया जा रहा है। इसका दोबारा प्रसारण रात 8 बजे भी किया जाएगा। 

इससे पहले पीएम मोदी ने 26 अगस्त को मन की बात का 47वां संस्करण पेश किया था। उस कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशवासियों को रक्षाबंधन एवं जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाओं देते हुए मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

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