नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (रविवार) सुबह 11 बजे रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है।
'पीएम मोदी ने कहा, 'आम तौर पर ये समय उत्सव का है। जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है।हम बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे सामने आएगी- हमारे पर्व और पर्यावरण। इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता है।'
उन्होंने आगे कहा कि बिहार के पश्चिमी चंपारण में सदियों से थारू आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन, उनके शब्दों में ‘60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं। प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारू समाज के लोगों ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और ये सदियों से है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ऋगवेद में मंत्र है- अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमः अर्थात अन्नदाता को नमन है। किसान को नमन है। किसानों ने कोरोना जैसे कठिन समय में अपनी ताकत को साबित किया है। हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है।'
बता दें कि प्रधानमंत्री के 'मन की बात' कार्यक्रम की यह 68वीं कड़ी है, वहीं दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह 'मन की बात' की 15वीं कड़ी है। बता दें कि यह कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है।
आखिरी बार 26 जुलाई को किया था संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले 26 जुलाई को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया था। पिछले कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों से अपील करने के अलावा कारगिल विजय दिवस का जिक्र करते हुए भारत की भूमि पर कब्जा करने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की थी।
पीएम मोदी ने कहा था, "मैं आप से आग्रह करूंगा जब भी आपको मास्क के कारण परेशानी महसूस होती हो और उतार देने का मन करता हो तो पल-भर के लिए उन डॉक्टरों को याद कीजिए, उन नर्सों को याद कीजिए, हमारे उन कोरोना वारियर्स को याद कीजिए। आप देखिए वो मास्क पहनकर के घंटो तक लगातार हम सबके जीवन को बचाने के लिए जुटे रहते हैं।"
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान ने भारत की भूमि पर कब्जा करने और अपने चल रहे आंतरिक संघर्षों को हटाने के लिए भ्रामक योजना बनाई। कारगिल युद्ध के दौरान सैनिकों के शौर्य की कहानियों को साझा करने के लिए पीएम ने युवाओं से अपील भी की थी।