नई दिल्ली, 12 जून: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस राज्य सभा सांसद मनमोहन सिंह ने नई दिल्ली स्थिति अखिल भारतयी आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) जाकर पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की। पूर्व पीएम वाजपेयी को सोमवार (11 जून) को एम्स में भर्ती कराया गया था। एम्स द्वारा मंगलवार को जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार पूर्व पीएम वाजपेयी की स्थिति फिलहाल स्थिर है। एम्स के अनुसार वाजपेयी के सभी जरूरी अंग काम कर रहे हैं और उनपर इलाज का सकारात्क असर हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वाजपेयी को लीवर में इंफेक्शन और किडनी से जुड़ी बीमारी है। वाजपेयी पिछले कुछ सालों से याद्दाश्त गुम हो जाने (डिमेंशिया) की बीमारी से भी पीड़ित हैं।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एम्स जाकर वाजपेयी से मुलाकात की थी। मंगलवार को भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वाजपेयी के स्वास्थ्य के प्रति चिंता व्यक्त की। राहुल गांधी ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा, "हमने वाजपेयी जी के खिलाफ चुनाव लड़ा और अब जब वो बीमार हैं तो कल मैं उनसे प्राथमिकता के आधार पर मिलने गया क्योंकि मैं कांग्रेस का सिपाही हूँ। वाजपेयी जी ने हमारे देश की सेवा की है और हम प्रधानमंत्री के तौर पर उनका सम्मान करते हैं। यही हमारी संस्कृति है।"
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राहुल गांधी ने मुंबई में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद लालकृष्ण आडवाणी की भी तारीफ की। राहुल गांधी ने कहा, "एलके आडवाणी पीएम मोदी के गुरु रहे हैं लेकिन मैं एक कार्यक्रम में देखा कि पीएम मोदी अपने गुरु का सम्मान नहीं कर रहे। आज मुझे आडवाणीजी के लिए बहुत अफसोस होता है। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मोदीजी से ज्यादा सम्मान दिया है।"
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को आधुनिक मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वाजपेयी छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गये थे। वाजपेयी 1957 के लोक सभा चुनाव में जीतकर पहली बार संसद पहुंचे। जब 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी तो वाजपेयी को विदेश मंत्री बनाया गया। 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ तो वाजपेयी उसके संस्थापक अध्यक्ष चुने गये।
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वाजपेयी पहली 1996 में देश के दसवें प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार महज 13 दिन में गिर गयी थी। वाजपेयी दूसरी 1998 में देश के प्रधानमंत्री बने और करीब 13 महीने तक उनकी सरकार चली। 1999 में हुआ आम चुनाव के बाद फिर बीजेपीनीत एनडीए गठबंधन की सरकार बनी और अटल बिहारी लगातार तीसरी बार देश के पीएम बने. हालाँकि साल 2004 के लोक सभा चुनाव में एनडीओ को कांग्रेसनीत यूपीए के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
साल 2004 के बाद से ही वाजपेयी धीरे-धीरे स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय राजनीति से बाहर होने लगे। साल 2009 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी ने लालकृष्णआडवाणी को पीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश किया था। 2009 तक अटल बिहारी डिमेंशिया के शिकार हो चुके थे। और दावा किया जाता है कि वो ज्यादातर पुराने परिचितों को पहचान नहीं पाते।
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