नई दिल्ली: शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी एक बार फिर खारिज हो गई है। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो गई थी। मनीष सिसोदिया को विशेष जज एम के नागपाल की अदालत में पेश किया गया था। जांच एजेंसी की अपील पर अदालत ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया।
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को रद करके दिल्ली की कोर्ट ने फैसले में बेहद अहम बातें भी कही। 34 पेज के अपने फैसले में स्पेशल कोर्ट के जज एमके नागपाल ने कहा कि सिसोदिया को अरेस्ट करके सीबीआई ने कोई गुनाह नहीं किया है। न तो सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश की अवहेलना की है और न ही हाईकोर्ट की। सीबीआई ने सिसोदिया को तभी गिरफ्तार किया जब एजेंसी को लगा कि ये बेहद जरूरी था।
स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा है कि सिसोदिया ही दिल्ली शराब घोटाले के मास्टर माइंड हैं। उन्हें रिश्वत के तौर पर 90 से 100 करोड़ रुपये मिलने थे। अदालत ने कहा कि सारे सबूत मनीष सिसोदिया के खिलाफ हैं और साफ तौर पर इशारा कर रहे हैं कि सिसोदिया भ्रष्टाचार में पूरी तरह से शामिल थे।
26 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया से लंबी पूछताछ की थी। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा भी कस चुका है। सिसोदिया पर आबकारी मंत्री रहते हुए आबकारी नीति के जरिए जानबूझ कर कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है।
एमके नागपाल ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली का शराब घोटाला बड़े पैमाने पर आम लोगों को प्रभावित करता है। ये घोटाला आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा कि आरोपी मनीष सिसोदिया कुछ खास शऱाब कारोबारियों को फायदा पहुंचाना चाहते थे।