मणिपुर: म्यांमार में शरण लेने पहुंचे 200 से अधिक भारतीय लौटे, सीएम बीरेन सिंह ने सेना को दिया धन्यवाद
By अंजली चौहान | Published: August 19, 2023 10:34 AM2023-08-19T10:34:57+5:302023-08-19T10:44:47+5:30
3 मई को जब राज्य में हिंसा भड़की तो मणिपुर के कई निवासी म्यांमार की ओर भाग गए और तमू इलाके में शरण ली।
इंफाल:मणिपुर में महीनों से चल रही जातीय हिंसा के कारण राज्य के 200 से अधिक लोग म्यांमार चले गए। इन भारतीयों को सुरक्षा के साथ वापस भारत लाया गया है।
असम राइफल्स और गोरखा रेजिमेंट के कमांडेंट के नृतत्व में भारतीय सेना की टीमों ने इस मिशन को अंजाम दिया और भारतीय को वापस अपने देश ले आया। इस मिशन की सफलता के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने सेना की प्रशंसा करते हुए उनका शुक्रिया अदा किया है।
गौरतलब है कि गभग 212 की संख्या वाले नागरिकों (सभी मैतेई) को शुक्रवार दोपहर को इम्फाल से 110 किमी दक्षिण में सीमावर्ती वाणिज्यिक शहर, हिंसा प्रभावित मोरेह वापस लाया गया।
बताया जा रहा है कि ये बीते शुक्रवार को संभव हो सका। इस मौके पर शुक्रवार रात को सीएम एन बीरेन सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, "212 साथी भारतीय नागरिकों (सभी मेइती) के रूप में राहत और आभार, जिन्होंने मणिपुर के मोरेह शहर में 3 मई की अशांति के बाद म्यांमार सीमा पार सुरक्षा की मांग की थी। अब सुरक्षित रूप से भारतीय धरती पर वापस आ गए हैं।
उन्हें घर लाने में उनके समर्पण के लिए भारतीय सेना को एक बड़ा सलाम।" उन्होंने लिखा कि जीओसी पूर्वी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जीओसी 3 कॉर्प, लेफ्टिनेंट जनरल एचएस साही और 5 एआर के सीओ, कर्नल राहुल जैन को उनकी अटूट सेवा के लिए हार्दिक आभार।
इसमें कहा गया है कि 3 मई को, मोरेह वार्ड नंबर 4 प्रेमनगर के कई निवासी भारत-म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद म्यांमार की ओर भाग गए और सीमावर्ती शहर सहित राज्य में हिंसा भड़कने पर म्यांमार के सागांग डिवीजन के तमू इलाके में शरण ली। तब से वे पड़ोसी भूमि में रह रहे हैं।
Relief and gratitude as 212 fellow Indian citizens (all Meiteis) who sought safety across the Myanmar border post the May 3rd unrest in Moreh town of Manipur, are now safely back on Indian soil.
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) August 18, 2023
A big shout-out to the Indian Army for their dedication in bringing them home.…
मोरेह भी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में से एक
जानकारी के अनुसार, मोरेह मणिपुर की राजधानी इंफाल से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जब चुराचांदपुर जिले में 3 मई को हिंसा भड़की तो मोरेह भी हिंसा से प्रभावित हुआ। मोरेह में कुकी, मैतेई और तमिल की मिश्रित आबादी है। यहां अन्य समुदाय के लोग भी रहते हैं।
हालांकि, सुरक्षा के लिए एमएसएमई नेशनल बोर्ड के सदस्य रॉबिन ब्लैकी के पत्र के बाद केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
पत्र का जवाब देते हुए, रंजन ने यहां तक लिखा था, “मैंने विदेश मंत्रालय में म्यांमार से संबंधित मुद्दों को संभालने वाले संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे और तत्काल आवश्यक कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है, मुझे आश्वासन दिया गया है कि भारतीय दूतावास में हमारे अधिकारी, म्यांमार ने फंसे हुए समूह से संपर्क किया है।”
उन्होंने लिखा कि मुझे बताया गया है कि बुनियादी भोजन और दवा की व्यवस्था की जा रही है। निश्चिंत रहें, मैं स्थिति पर बारीकी से नजर रखना जारी रखूंगा।
बता दें कि मई की शुरुआत में ही मणिपुर में कुकी-जो और मैतेई समुदाय के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से स्थिति युद्ध जैसी है। राज्य में हिंसा के कारण 150 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है और कई गांव तबाह हो गए है। लोग अपने घरों को छोड़ कर विस्थापित हुए हैं और राहत शिविरों में रह रहे हैं।