राजा लेशेम्बा सनाजाओबा का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए मणिपुर के दो असंतुष्ट नेताओं के मंगलवार को ब्रिटेन में ‘निर्वासन में मणिपुर सरकार’ की शुरुआत की घोषणा की मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने आलोचना की है। साथ ही भूतपूर्व राजा लेशेम्बा ने भी इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि ये उनके लिए हैरान करने वाली बात है क्योंकि उनका नाम इसमें घसीटा गया है।
लेशेम्बा ने कहा, 'मैं इसकी कड़े शब्दों में आलोचना करता हूं। ये हैरान करने वाला है कि दो अलगाववादियों ने मेरा नाम इसमें घसीटा है। इससे समाज में नकारात्मकता फैलेगी।'
वहीं, मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा, 'सरकार इसे काफी गंभीरता से ले रही है और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में एफआईआर भी दर्ज की गई है। इस केस को तत्काल जांच के लिए स्पेशल क्राइम ब्रांच को भेजा गया है। इस बारे में विस्तृत जानकारी मिलने के बाद केस को एनआईए को सौंपा जाएगा क्योंकि वे दूसरे देश से काम कर रहे हैं।'
गौरतलब है कि लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए याम्बेन बीरेन ने ‘मणिपुर स्टेट काउंसिल का मुख्यमंत्री’ और नरेंगबाम समरजीत ने ‘मणिपुर स्टेट काउंसिल का रक्षा और विदेश मंत्री’ होने का दावा किया।
उन्होंने कहा कि वे ‘मणिपुर के महाराजा’ की ओर से बोल रहे हैं और औपचारिक तौर पर निर्वासन में ‘मणिपुर स्टेट काउंसिल’ की सरकार शुरू कर रहे हैं। बीरेन और समरजीत ने इस दौरान दस्तावेज भी पेश किए जिनमें यह दिखाया गया कि इस साल अगस्त में उन्हें राजनीतिक रूप से ब्रिटेन में शरण मिली है।
(भाषा इनपुट)