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CJI रंजन गोगोई पर आरोप लगाने वाली महिला पर FIR करने वाला युवक लापता

By स्वाति सिंह | Updated: July 25, 2019 10:03 IST

इस मामले में आरोपी महिला वही शख्स है जिसने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई पर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। आरोप लगाते हुए महिला ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को हलफनामा भेजा था।

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ठळक मुद्देनवीन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी पर कोर्ट में नौकरी दिलाने के बहाने 50 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। मजिस्ट्रेट मनीष खुराना ने जब शिकायतकर्ता नवीन कुमार को अपने समक्ष पेश होने को बुलाया तब उनके लापता होने का खुलासा हुआ।

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाला व्यक्ति अप्रैल महीने से अपने आवासीय पते से लापता है। इस बात की जानकारी पुलिस ने कोर्ट को दी। 31 वर्षीय नवीन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी पर कोर्ट में नौकरी दिलाने के बहाने 50 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। 

इस मामले में आरोपी महिला वही शख्स है जिसने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। आरोप लगाते हुए महिला ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को हलफनामा भेजा था। बाद में शीर्ष कोर्ट में तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी। चीफ जस्टिस ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ साजिश बताया था। 

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीष खुराना ने जब शिकायतकर्ता नवीन कुमार को अपने समक्ष पेश होने को बुलाया तब उनके लापता होने का खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि मामला दर्ज होने के बाद नवीन कुमार ने आरोप लगाया था कि आरोपी महिला और उसका पति धमका रहे हैं, जिसके बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने महिला की जमानत रद्द करने की मांग की थी।  

इंडिया एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कुमार की मां मीना ने बताया कि उनका बेटा 20 अप्रैल को सुबह 7 बजे चंडीगढ़ के लिए रवाना हुआ था। बाद में उसका फोन भी बंद हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि हमने यह मामला दर्ज करने से उसे मना किया था क्योंकि हम शक्तिशाली लोगों से लड़ने में असमर्थ हैं। कुमार झज्जर में एच एल सिटी प्राइवेट लिमिटेड में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करता था जहां वह हर महीने 15,000 रुपये कमाता था।

24 अप्रैल को सीएमएम खुराना ने कुमार को नोटिस जारी कर 23 मई को अदालत में उपस्थिति रहने को कहा था। लेकिन जांच अधिकारी मुकेश अंतिल ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता को जारी किया गया नोटिस उसे नहीं मिला क्योंकि वह अपने पते पर नहीं है।

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