पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने पश्चिम बंगाल के नाम को बदल कर बंगाल करने वाले बिल को इसी सत्र में पास करने की गुजारिश की है. ममता सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों में पश्चिम बंगाल के बोलने की बारी देर से आने को लेकर इसका नाम बंगाल रखने की सिफारिश की थी.
यह बिल अभी संसद से पास होना बाकी है. इस बिल के पास होने के बाद पश्चिम बंगाल का नाम केवल बंगाल रह जायेगा.
इसके पीछे तृणमूल ने तर्क दिया था कि तमाम सरकारी पटल पर पश्चिम बंगाल की बारी सबसे देर में आती है जिसके कारण कई बार राज्य सरकार को अपनी बात केंद्र तक पहुंचाने में देर हो जाती है. संसद में भी पश्चिम बंगाल को लेकर किसी भी सवाल का जवाब सबसे देर से किया जाता है.
लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद भी ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच एक स्पष्ट टकराव देखने को मिला है. राज्य में चुनाव के दौरान और उसके बाद भी बड़े पैमाने पर राजनीतिक हिंसा देखने को मिली है. गृह मंत्री शाह ने इस पर बंगाल सरकार से जवाब भी मांगा था.