शुक्ला के CBI चीफ बनते ही खड़गे ने कहा- 'उम्मीद है अनुभव की कमी संस्था के पुनर्निर्माण में आड़े नहीं आएगी'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 4, 2019 05:39 PM2019-02-04T17:39:23+5:302019-02-04T17:39:23+5:30
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1983 बैच के अधिकारी ऋषि कुमार शुक्ला ऐसे समय में सीबीआई का कार्यभार संभाल रहे हैं जब एजेंसी तथा कोलकाता पुलिस के बीच विवाद राजनीतिक रूप ले चुका है
सीबीआई के नवनियुक्त निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने सोमवार को जांच एजेंसी प्रमुख का पदभार संभाला। पदभार संभालते ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने निशाना साधते हुए कहा- उम्मीद करता हूं कि सीबीआई में नए निदेशक के 'अनुभव की कमी' , इस संस्था(सीबीआई) के पुनर्निर्माण में आड़े नहीं आएगी। जिसे ''यह सरकार तबाह कर चुकी है।''
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक के ब्यौरे को सार्वजनिक करने की भी मांग की है। ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई निदेशक नियुक्त किए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को जांच एजेंसी के प्रमुख के चयन में पहले से तय मापदंडों को पालन नहीं किए जाने का आरोप लगाया था। खड़गे ने दावा किया कि ऐसा करना ‘दिल्ली विशेष पुलिस संस्थापना’ (डीएसपीई) कानून तथा उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1983 बैच के अधिकारी शुक्ला ऐसे समय में सीबीआई का कार्यभार संभाल रहे हैं जब एजेंसी तथा कोलकाता पुलिस के बीच विवाद राजनीतिक रूप ले चुका है और केन्द्र तथा पश्चिम बंगाल सरकारों के बीच टकराव की स्थिति है।
अधिकारियों ने कहा कि आमतौर पर, नये निदेशक को पदभार संभालने के लिए एक सप्ताह का समय मिलता है लेकिन शनिवार को नियुक्त हुए शुक्ला ने दो दिन में ही एजेंसी की बागडोर संभाल ली।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश कैडर के 58 वर्षीय शुक्ला द्वारा पूर्ण निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से एजेंसी के कामकाज में स्थिरता आने की संभावना है। एजेंसी पहले ही पोंजी घोटाला मामलों में कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार द्वारा साक्ष्यों को कथित रूप से नुकसान पहुंचाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय जा चुकी है।(पीटीआई इनपुट के साथ)