जयपुर:राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। सीएम गहलोत सरकार ने करीब सात आईएएस और 30 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है।
आधिकारिक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है, "यह देखने में आया है कि प्रशासनिक सचिवालय और अन्य विभागीय कार्यालयों में अधिकारी एक विशेष पद और विभाग पर ही बने रहते हैं। इससे प्रशासन की पारदर्शिता और विश्वसनीयता प्रभावित होती है।"
आदेश में कहा गया है कि प्रशासन में विश्वास बनाए रखने के उद्देश्य से यह निर्देश दिया जा रहा है और किसी विशेष पद पर एक अधिकारी का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष और विशेष मामलों में पांच वर्ष होना चाहिए।
गौरतलब है कि यह आदेश ऐसे मौके पर आया है जब हाल ही में राजस्थान में सूचना और प्रसारण विभाग के कार्यालय से 2 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 1 करोड़ रुपये से अधिक के सोने के बिस्कुट पाए गए थे।
जानकारी के अनुसार, राज्य में पेपर लीक मामले में आरोपी शेर सिंह को वाइस प्रिंसिपल बनाए जाने के विवाद में जिन आईएस अधिकारी गौरव अग्रवाल को एपीओ बना दिया गया था उन्हें अब कृषि एवं पंचायती विभाग में आयुक्त पद पर तैनात किया गया है।
जिन सात आईएएस अधिकारियों का तबादला हुआ है उनमें काना राम, एमएल चौहान, पुष्पा सत्यानी, गौरव अग्रवाल, उत्सव कौशल, देवेंद्र कुमार और अक्षय गोदारा शामिल हैं।
एमएल चौहान को एचसीएम रीपा उदयपुर का अतिरिक्त महानिदेशक नियुक्त किया गया है। वह पहले उच्च शिक्षा विभाग जयपुर के संयुक्त शासन सचिव का पदभार संभाल रहे थे।
इसके साथ ही 30 आईएएस अधिकारियों का तबादला भी किया गया है। इसके अलावा, तीन आईपीएस अधिकारी अर्थात्; पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), सामुदायिक पुलिसिंग जयपुर, संजीब कुमार नारजारी, महानिरीक्षक (आईजी) आरएसी जयपुर, रूपिंदर सिंह और महानिरीक्षक, मानवाधिकार, पुलिस मुख्यालय जयपुर, किशन सहाय मीणा को डीजीपी कार्मिक की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकार के अगले आदेश तक अब जिन अधिकारियों को जो पद मिले हैं वो कायम रहेंगे।