महुआ मोइत्रा पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट, लोकसभा से अपने निष्कासन के खिलाफ याचिका दायर करके चुनौती दी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 11, 2023 02:28 PM2023-12-11T14:28:33+5:302023-12-11T14:33:08+5:30

तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री महुआ मोइत्रा ने 'कैश-फॉर-क्वेरी' आरोपों पर लोकसभा से अपने निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

Mahua Moitra reached Supreme Court, challenged Lok Sabha expulsion by filing a petition | महुआ मोइत्रा पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट, लोकसभा से अपने निष्कासन के खिलाफ याचिका दायर करके चुनौती दी

फाइल फोटो

Highlightsमहुआ मोइत्रा ने लोकसभा से अपने निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया मोइत्रा 'कैश-फॉर-क्वेरी' के आरोप में लोकसभा की एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर निष्कासित हुई हैंमोइत्रा ने मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विपक्ष को तोड़ने की साजिश है

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री महुआ मोइत्रा ने 'कैश-फॉर-क्वेरी' आरोपों पर लोकसभा से अपने निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। लोकसभा की एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद महुआ मोइत्रा को शुक्रवार को 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।

इस दौरान जब सदन से महुआ के निष्कासन का फैसला हुआ तो उन्हें सदन के भीतर चर्चा के दौरान अपना पक्ष रखने की इजाजत नहीं दी गई, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा के बाहर अपना बयान पढ़ा था।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मोइत्रा ने मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने उनके खिलाफ हर नियमों को तोड़ा है।

तृणमूल नेता मोइत्रा ने कहा, "मैंने और इस लोकसभा ने संसदीय समिति के हथियारीकरण को भी देखा है। विडंबना यह है कि आचार समिति, जिसे सदस्यों के लिए एक नैतिक दिशा-निर्देश के रूप में स्थापित किया गया था। आज इसका घोर दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्हें विपक्ष को कुचलना है। वो हमें समर्पण कराने के लिए 'ठोक दो' (कुचलने) का एक और हथियार बने हुए हैं।''

उन्होंने कहा, "मैं 49 साल की हूं और अगले 30 साल तक मैं आपसे संसद के अंदर और बाहर, गटर में और सड़कों पर लड़ूंगा। हम आपका अंत देखेंगे और यह आपके अंत की शुरुआत है। हम वापस आने वाले हैं और अब हम आपका अंत देखने जा रहे हैं।''

निष्कासित लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है जिसका 'अस्तित्व ही नहीं है'।

मोइत्रा ने आगे आरोप लगाया कि एथिक्स कमेटी का निष्कर्ष पूरी तरह से दो नागरिकों की लिखित गवाही पर आधारित है, जिनके कथन एक-दूसरे के विरोधाभासी हैंष कमेटी ने जिरह करने का भी अधिकार छीन लिया।

महुआ ने कहा, "दोनों गवाहों में से किसी को भी मुझे जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई। दो नागरिकों में से एक मेरा अलग साथी है, जो गलत इरादे से समिति के सामने एक आम नागरिक के रूप में पेश आया।। दोनों गवाहियों का इस्तेमाल मुझे एक-दूसरे के विपरीत ध्रुवों पर लटकाने के लिए किया गया है।''

मालूम हो कि तृणमूल सांसद लोकसभा में टीएमसी सांसद को निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया था। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को पिछले महीने 6 बनाम 4 के बहुमत से पास किया गया था। मोइत्रा के कैश-फॉर-क्वेश्चन मामले पर रिपोर्ट से पता चला कि उन्होंने 2019 से 2023 तक चार बार यूएई का दौरा किया था और उस दौरान उनके लॉगिन को कई बार एक्सेस किया गया था।

Web Title: Mahua Moitra reached Supreme Court, challenged Lok Sabha expulsion by filing a petition

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