महुआ मोइत्रा को मिला 'बल पूर्वक' सरकारी बंगाल खाली कराने का नोटिस, दिल्ली हाईकोर्ट में देंगी आदेश को चुनौती

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 17, 2024 12:07 PM2024-01-17T12:07:39+5:302024-01-17T12:11:11+5:30

महुआ मोइत्रा बतौर सांसद आवंटित हुए सरकारी बंगले को खाली कराने के विषय को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष ले जाने की तैयारी कर रही हैं।

Mahua Moitra gets order to vacate government Bengal 'by force', will challenge the order in Delhi High Court | महुआ मोइत्रा को मिला 'बल पूर्वक' सरकारी बंगाल खाली कराने का नोटिस, दिल्ली हाईकोर्ट में देंगी आदेश को चुनौती

फाइल फोटो

Highlightsमहुआ मोइत्रा को मिला आवंटित सरकारी बंगला जबरिया खाली कराने का नोटिस महुआ मोइत्रा आदेश को देंगी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती संपदा निदेशालय ने नोटिस में कहा है कि बंगाल खाली करें, अन्यथा बलपूर्वक खाली कराया जाएगा

नई दिल्ली: तृणमूल पार्टी की निष्कासित लोकसभा की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा बतौर सांसद आवंटित हुए सरकारी बंगले को खाली कराने के विषय को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष ले जाने की तैयारी कर रही हैं। खबरों के अनुसार तृणमूल नेता मोइत्रा बंगला खाली कराने के नोटिस को दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस मनमोहन कोर्ट में चुनौती दे सकती हैं।

समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार महुआ मोइत्रा उस नोटिस को चुनौती देने जा रही हैं, जिसमें उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली कराने के लिए जरूरत पड़ने पर कथिततौर से "बल प्रयोग" की भी चेतावनी दी गई है।

मोइत्रा को अनैतिक आचरण के आधार पर पिछले महीने लोकसभा से बतौर सांसद निष्कासित किया गया है। बताया जा रहा है कि मोइत्रा जल्द ही जस्टिस मनमोहन की अदालत में निष्कासन नोटिस के खिलाफ एक रिट याचिका दायर करेंगी।

इस संबंध में महुआ मोइत्रा के वकीलों ने कहा है कि वह लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा है कि सांसदों को आम चुनाव से पहले संसद सत्र के आखिरी दिन से लेकर नतीजों के दिन तक अपने घरों में रहने की अनुमति है। चूंकि मोइत्रा को तृणमूल की ओर से उम्मीदवार के तौर पर नामित किया गया है, इसलिए बंगले में बने रहने की यह शर्त उन पर भी लागू होती है।

वहीं केंद्रीय संपदा निदेशालय, जो सरकारी संपत्तियों का प्रबंधन करता है। उसने महुआ मोइत्रा को बेहद कड़े शब्दों वाले बेदखली का नोटिस जारी किया है। नोटिस में मोइत्रा को तुरंत बंगला खाली करने को कहा गया है। इसके साथ यह भी कहा गया है कि यदि मोइत्रा बंगाल खाली नहीं करती हैं, तो उन्हें जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक उसी वक्त परिसर से बेदखल किया जा सकता है।

सरकार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा को बंगाल खाली करने का पर्याप्त अवसर दिया गया लेकिन वो सरकारी बंगले को खोली करने में विफल रहीं।

मालूम हो कि महुआ मोइत्रा ने पहले भी इस संबंध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने तब मोइत्रा से कहा था कि वो संपदा निदेशालय से समय देने का अनुरोध करें। अदालत ने कहा था कि नियम अधिकारियों को असाधारण परिस्थितियों में कुछ शुल्कों के भुगतान पर निवासी को छह महीने तक रहने की अनुमति देने की अनुमति दी जाती है।

हालाकि, अदालत ने मामले की योग्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की और महुआ मोइत्रा को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी थी। बेदखली आदेश में कहा गया है कि अगर महुआ मोइत्रा बेदखली नोटिस को किसी भी अदालत में चुनौती देने का फैसला करती हैं तो उन्हें हर महीने हर्जाना भी देना होगा।

महुआ मोइत्रा का दिल्ली के टेलीग्राफ लेन में एक बंगला है। बतौर सांसद उनके निष्कासन के एक महीने बाद 7 जनवरी को उनके सरकारी आवास का आवंटन रद्द कर दिया गया था। लेकिन मोइत्रा ने पहले ही इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक बंगले में रहने का समय मांगा था। उन्होंने कहा था कि सरकारी आवास नहीं होने से उनके चुनावी अभियान में दिक्कत होगी।

Web Title: Mahua Moitra gets order to vacate government Bengal 'by force', will challenge the order in Delhi High Court

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