महाराष्ट्र के ‘शक्ति अधिनियम’ में मौत की सजा, मुकदमे की त्वरित सुनवाई का होगा प्रावधान

By भाषा | Updated: December 9, 2020 22:36 IST2020-12-09T22:36:43+5:302020-12-09T22:36:43+5:30

Maharashtra's 'Shakti Act' provides for capital punishment, speedy trial of the case | महाराष्ट्र के ‘शक्ति अधिनियम’ में मौत की सजा, मुकदमे की त्वरित सुनवाई का होगा प्रावधान

महाराष्ट्र के ‘शक्ति अधिनियम’ में मौत की सजा, मुकदमे की त्वरित सुनवाई का होगा प्रावधान

मुंबई, नौ दिसंबर महाराष्ट्र में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी, जिसमें दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई के प्रावधान हैं।

प्रस्तावित कानून को राज्य में लागू करने के लिये विधेयक के मसौदे में भादंसं, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव है।

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने यहां एक बैठक में विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी और इसे आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानमंडल में पेश किया जाएगा।

विधानमंडल का दो दिवसीय शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से मुंबई में शुरू हो रहा है।

उन्होंने कहा कि विधेयक विधानमंडल के दोनों सदनों में चर्चा और अनुमोदन के लिए आएगा । इसे कानून का रूप ले लेने पर ‘शक्ति अधिनियम’ कहा जाएगा।

देशमुख ने कहा कि इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के भीतर सुनवाई का प्रावधान है।

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Web Title: Maharashtra's 'Shakti Act' provides for capital punishment, speedy trial of the case

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