महाराष्ट्र: यूं ही नहीं कहते शरद पवार को घाघ राजनीतिज्ञ, अजित की बगावत को ऐसे थामा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 24, 2019 07:49 AM2019-11-24T07:49:22+5:302019-11-24T07:49:22+5:30

सुबह सबसे पहले उन्होंने उद्धव ठाकरे को फोन किया और धीरज बंधाया, ''घबराएं नहीं, मैं आपके साथ हूं. आप अपने विधायकों को संभालें.'' उसके बाद उन्होंने कुछ वरिष्ठ कानूनविदों से सलाह की.

Maharashtra: This is How Sharad Pawar stopped Ajit rebellion | महाराष्ट्र: यूं ही नहीं कहते शरद पवार को घाघ राजनीतिज्ञ, अजित की बगावत को ऐसे थामा

एनसीपी प्रमुख शरद पवार। (फाइल फोटो)

Highlightsअजित पवार की बगावत से निपटने के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यह कहकर खुद कमान संभाली कि शाम तक अधिसंख्य 'बागी' विधायक पार्टी में लौट आएंगे और यह सच साबित हुआ. राजभवन में अजित के गुपचुप शपथ लेने की सूचना मिलते ही 80 वर्षीय शरद पवार ने अपनी राजनीतिक ताकत और अनुभव को झोंक दिया.

अतुल कुलकर्णी

अजित पवार की बगावत से निपटने के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यह कहकर खुद कमान संभाली कि शाम तक अधिसंख्य 'बागी' विधायक पार्टी में लौट आएंगे और यह सच साबित हुआ. राजभवन में अजित के गुपचुप शपथ लेने की सूचना मिलते ही 80 वर्षीय शरद पवार ने अपनी राजनीतिक ताकत और अनुभव को झोंक दिया. सुबह सबसे पहले उन्होंने उद्धव ठाकरे को फोन किया और धीरज बंधाया, ''घबराएं नहीं, मैं आपके साथ हूं. आप अपने विधायकों को संभालें.'' उसके बाद उन्होंने कुछ वरिष्ठ कानूनविदों से सलाह की. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के दिल्ली से आए नेताओं को फोन किया.

सुबह 9.30 बजे प्रफुल्ल पटेल, दिलीप वलसे पाटिल, सुनील तटकरे उनके आवास पर पहुंच गए. अजित पवार के साथ गए विधायकों के बारे में पुष्टि करके उन्होंने सभी विधायकों से खुद फोन पर बात की. जब पक्का हो गया कि अधिसंख्य विधायक उनके साथ हैं, तो वे घर से निकलकर यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान पहुंचे. उन्होंने वहां मौजूद उद्धव ठाकरे एवं अन्य शिवसेना नेताओं से बातचीत करके आगे की रणनीति तय की.

अजित के साथ गए तीन विधायकों राजेंद्र शिंगणे, संदीप क्षीरसागर और सुनील भुसारा को उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में हाजिर कर दिया. यह सुनिश्चित होते ही कि राकांपा में बगावत और फूट को शरद पवार थाम चुके हैं, तो कार्यकर्ताओं ने यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान के द्वार पर ही अजित पवार के खिलाफ नारेबाजी की.

'कुछ भी करो, पर इस्तीफा दो'

अजित पवार की चचेरी बहन सुप्रिया सुले ने उनसे भावनात्मक आह्वान किया, ''कुछ भी करो, पर उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दो.''

इससे पहले उन्होंने सुबह व्हाट्सएप्प स्टेटस में लिखा था, ''पार्टी और परिवार में फूट पड़ गई है.''

अजित को मनाने के प्रयास

अजित को मनाने के लिए दिलीप वलसे पाटिल और सुनील तटकरे ने उनसे मुलाकात की. उनका पक्ष सुना. पार्टी के कुछ और नेता तथा पार्टी से इतर के नजदीकी लोग भी उनसे बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने उन्हें शरद पवार का संदेश भी दिया.

13 में से 10 विधायक लौटे

राजभवन में शपथ लेने पहुंचे अजित पवार के साथ राकांपा के 13 विधायक थे. इनमें दौलत दरोडा, नरहरि झिरवाल, सुनील भुसारा, दिलीप बनकर, अनिल पाटिल, नितिन पवार, सुनील शेलके, बाबासाहेब पाटिल, संजय बनसोड़े, राजेंद्र शिंगणे, संदीप क्षीरसागर, माणिकराव कोकाटे और सुनील टिंगरे शामिल थे. इनमें से राजेंद्र शिंगणे, सुनील भुसारा, संदीप क्षीरसागर, नरहरि झिरवाल, सुनील शेलके, संजय बनसोड़े विधायक दल की बैठक में शामिल थे.

दिलीप बनकर, माणिकराव कोकाटे, सुनील टिंगरे, बाबासाहब पाटिल ने भी घोषणा की कि हम राकांपा के साथ हैं. राष्ट्रपति के समक्ष विधायकों की परेड कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आज कहा, ''कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना विधायकों की राष्ट्रपति के समक्ष परेड करवाने पर विचार जारी है. परेड के दौरान बहुमत साबित होने पर फडणवीस सरकार को राष्ट्रपति को बर्खास्त करने पर मजबूर होना पड़ेगा.''

Web Title: Maharashtra: This is How Sharad Pawar stopped Ajit rebellion

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