महाराष्ट्रः पीजी मेडिकल प्रवेश में नहीं लागू होगा 10% आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
By रामदीप मिश्रा | Published: May 30, 2019 12:04 PM2019-05-30T12:04:58+5:302019-05-30T12:05:32+5:30
न्यायालय ने कहा कि जब तक एमसीआई अतिरिक्त सीटों का सृजन नहीं करता, दूसरों को नुकसान पहुंचा कर 10 प्रतिशित ईडब्ल्यूएस आरक्षण नहीं दिया जा सकता। कोर्ट के आदेश के बाद इस साल पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में ईडब्ल्यूएस लागू नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (30 मई) को इस साल महाराष्ट्र के पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को 10% आरक्षण पर रोक लगा दी है। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाई है।
न्यायालय ने कहा कि जब तक एमसीआई अतिरिक्त सीटों का सृजन नहीं करता, दूसरों को नुकसान पहुंचा कर 10 प्रतिशित ईडब्ल्यूएस आरक्षण नहीं दिया जा सकता। कोर्ट के आदेश के बाद इस साल पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में ईडब्ल्यूएस लागू नहीं किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को मिलने वाला 10 प्रतिशत आरक्षण शिक्षण सत्र 2019-20 में महाराष्ट्र के पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले पर लागू नहीं होगा। ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू होने से पहले ही महाराष्ट्र में पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
Supreme Court says, "At this stage the State can act under the enabling provisions and introduce reservation but unless additional seats are created by Medical Council of India (MCI), the existing seats cannot be subjected to the EWS reservation amendment." https://t.co/OJrJKef2kE
— ANI (@ANI) May 30, 2019
बता दें कि 22.5% अनुसूचित जाति (दलित) और अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) के छात्रों के लिए आरक्षण है। इनमें अनुसूचित जातियों के लिए 15%, अनुसूचित जनजातियों के लिए 7.5% आरक्षण है। ओबीसी को अतिरिक्त 27% आरक्षण दिया गया है। कुल मिलाकर आरक्षण का यह प्रतिशत 49.5% है।