मुंबई: महाराष्ट्र मे तेजी से बदल रही सियासी फिजा में भाजपा के साथ सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे ने उन खबरों पर तीखी नाराजगी जताई है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि आने वाले निकट समय में भाजपा एकनाथ शिंदे की जगह एनसीपी नेता अजित पवार को मुख्यमंत्री बना सकती है।
सियासी हलके में शिंदे नेतृत्व वाली सरकार को गिराने और एनसीपी नेता अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाये जाने की भाजपा की संभावित कथित रणनीति पर शिवसेना के मुख्य सचेतक ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा अजित पवार को आगे करके कोई खेल खेलने का प्रयास कर रही है तो यह उसके लिए घातक होगा।
इस संबंध में शिवसेना नेता भरत गोगावले ने कहा कि अजित पवार के आने का सीधा अर्थ होगा कि भाजपा शिवसेना के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन करेगी। जबकि सरकार बनाते समय यह तय हुआ था कि भाजपा और शिंदे गुट 2024 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव तक साथ रहेंगे और एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि भाजपा अपने किये वादे का सम्मान करेगी।”
समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साफ कहा कि अगर विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की ओर से अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश की जाती है तो एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना उस महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा नहीं होगी।
उन्होंने कहा, "हमारी स्पष्ट नीति है और हम कहीं से भी दुविधा में नहीं हैं। पूरे महाराष्ट्र में सभी जानते हैं कि एनसीपी विश्वासघात करने वाली पार्टी है। हम कभी भी उस सत्ता में नहीं रहेंगे, जिसमें एनसीपी शामिल हो। अगर भाजपा ऐसा करती है और एनसीपी को सरकार में लाती है तो महाराष्ट्र की जनता इसे पसंद नहीं करेगी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना इस कारण से ही टूटी क्योंकि उद्धव ने हमारे विरोध का बावजूद कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाना मंजूर किया था।"
इस बीच महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेता और राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें लोगों को भ्रमित करने का हुनर आता है, लेकिन इस बार अजित पवार के बयानों ने शरद पवार और एनसीपी को भ्रमित कर दिया है। यह बेहद मुश्किल है कि चाचा शरद पवार क्या सोच रहे हैं और भतीजे अजित पवार क्या सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे महाराष्ट्र में भ्रम की स्थिति इस कारण से पैदा हो गई है क्योंकि एक तरफ को अजीत पवार ने शुक्रवार को कहा कि वह "100 फीसदी " मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं वहीं उनके चाचा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जिसे जाना हो अपने बल पर जाए, पार्टी महाविकास अघाड़ी के साथ खड़ी है।
वहीं इन सियासी गुत्थागुत्थी के बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के उस दावे ने सभी को चौंका दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि शिंदे की सरकार अगले 15 दिनों में गिर जाएगी। राउत ने कहा कि सरकार के जाने का डेथ वारंट पहले ही जारी किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, “भाजपा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को साफ कह दिया है कि वर्षा (मुख्यमंत्री का सरकारी आवास) से अपना बैग पैक कर लें, विदाई कभी भी संभव है क्योंकि कभी भी सुप्रीम कोर्ट का विधायकों की अयोग्यता संबंधी केस में फैसला आ सकता है और उसके बाद शिंदे सरकार को गिरना ही है।"