महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार में शिवसेना कोटे से राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे पर संजय राउत ने कहा कि कैबिनेट में कोई मतभेद नहीं हैं। उन्होंने कहा 'अगर कुछ मंत्री इस्तीफा देते हैं तो सामान्य रूप से इस्तीफा सीएम या राजभवन को भेज दिया जाता है, लेकिन दोनों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।' वहीं, शिवसेना के अर्जुन खोतकर से जब अब्दुल सत्तार के इस्तीफा दे देने के बारे में पूछ गया तो उन्होंने कहा 'अब्दुल सत्तार के इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है। ये अफवाहें निराधार हैं। सत्तार साहब कल सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे।'
बता दें कि महाराष्ट्र में सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी की तीनों पार्टियों में मंत्रालय बंटवारे को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। इस बीच शिवसेना नेता और राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि वो विभागों के आवंटन से नाराज चल रहे हैं। अब्दुल सत्तार के बेटे समीर सत्तार ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में सिर्फ अब्दुल सत्तार ही सही बात कर सकते हैं।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के शपथ लेने के बाद भी मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का मामला सुलझता नहीं दिख रहा है। मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर एनसीपी और कांग्रेस में अब ठन गई है। एनसीपी और शिवसेना अपने कोटे से एक भी मंत्री पद कांग्रेस से अदला-बदली करने के लिए तैयार नहीं है। जानकारी है कि राजस्व मंत्रालय बालसाहब थोरात के पास और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के पास लोकनिर्माण मंत्रालय जाएगा। कुछ मंत्रालयों की अदला-बदली की गई है। अशोक चव्हाण का आग्रह था कि यदि राजस्व मंत्रालय नहीं दे सकते तो लोकनिर्माण मंत्रालय दिया जाए। यही मंत्रालय नितिन राऊत और विजय वडेट्टीवार को भी चाहिए था। अंतत: वह चव्हाण को दिया गया।
अब ऊर्जा मंत्रालय पर वडेट्टीवार और राऊत ने दावा किया है। समझा जाता है कि स्कूली शिक्षा मंत्रालय अमित देशमुख को, महिला व बालविकास मंत्रालय यशोमति ठाकुर को, मेडिकल शिक्षा वर्षा गायकवाड़ को, ओबीसी मंत्रालय सुनील केदार को, वस्त्रोद्योग असलम शेख को दिया गया है।
राकांपा में नवाब मलिक को कामगार, दिलीप वलसे पाटिल को उत्पादन शुल्क और न्यूनतम कौशल, धनंजय मुंडे को सामाजिक न्याय, बालासाहब पाटिल को सहकारिता व विपणन मंत्रालय दिया जाएगा। अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय देने पर विवाद चल रहा है। शरद पवार और अजित पवार चाहते हैं कि यह मंत्रालय जयंत पाटिल लें। लेकिन, उन्होंने जलसंपद मंत्रालय की मांग की।