महाराष्ट्र: औरंगाबाद में 'कचरा डंपिंग' पर कोहराम, हिंसा पथराव और आगजनी में 6 पुलिसकर्मी घायल
By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 7, 2018 08:22 PM2018-03-07T20:22:48+5:302018-03-07T20:22:48+5:30
पिछले तीस सालों से स्थानीय लोग यहां गारबेज डंपिग बंद करने की मांग कर रहे हैं। औरंगाबाद नगर निगम के मुताबिक हर रोज यहां लगभग 611 टन कचरा डंप होता है।
औरंगाबाद, 7 मार्च। बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में कचरा डंपिंग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है लेकिन बुधवार को ये विरोध आगजनी, हिंसा, और पथराव में बदल गया। औरंगाबाद के नारे गांव के पास किए जा रहे कचरा डंपिंग के विरोध इलाके के हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और डंपिंग के लिए कचरा ले जा रही कई गांडियों पर पथराव किया। ताजा जानकारी के मुताबिक हिंसक भीड़ ने दो कचरे से भरे दो ट्रकों को आग के हवाले कर दिया।
उग्र भीड़ को काबू करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बेकाबू भीड़ द्वारा किए गए पथराव में करीब 6 पुलिस कर्मियों के घायल होने के की भी खबर है। मामला बढ़ता देख पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया। प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी है।
#Maharashtra: Visuals of clash between Police & locals over garbage dumping row in Aurangabad. The clash took place when villagers opposed the dumping of garbage by Aurangabad Municipal Corporation. pic.twitter.com/kyoNtDyTp6
— ANI (@ANI) March 7, 2018
क्या है पूरा मामला
दरअसल औरंगाबाद के नारे गांव में बीते तीस सालों से आस-पास के इलाके से कचरा इकट्ठा कर डंप किया जाता रहा है। औरंगाबाद नगर निगम के मुताबिक हर रोज यहां लगभग 611 टन कचरा डंप होता है। कचरा डंप होने के चलते स्थानीय लोग इसकी बदबू से परेशान हैं साथ ही पीने का पानी भी दूषित हो गया है।
स्थानीय लोग कई बार यहां गारबेज डंपिग बंद करने की मांग कर चुके हैं, प्रदर्शन भी किए गए लेकिन प्रशासन उनकी बातों को अनसुना कर दिया। प्रशासन के रवैये से लोगों का गुस्सा बुधवार को सातवें आसमाना पर पहुंच गया और विरोध ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया।।