महाराष्ट्र भाषा विवाद: राज-उद्धव ठाकरे मिलकर करेंगे हिन्दी विरोध?, बीएससी चुनाव से पहले सियासी मंच तैयार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 27, 2025 14:42 IST2025-06-27T14:40:46+5:302025-06-27T14:42:10+5:30

महाराष्ट्र भाषा विवाद: छह जुलाई को गिरगांव चौपाटी से एक गैर-राजनीतिक मार्च निकालेंगे और इसमें शिवसेना (उबाठा) सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित करेंगे।

Maharashtra language dispute Will Raj-Uddhav Thackeray oppose Hindi together Political stage set before BSC elections | महाराष्ट्र भाषा विवाद: राज-उद्धव ठाकरे मिलकर करेंगे हिन्दी विरोध?, बीएससी चुनाव से पहले सियासी मंच तैयार

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Highlightsमहाराष्ट्र भाषा विवाद: राज ने छह जुलाई को प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।महाराष्ट्र भाषा विवाद: उद्धव ने तुरंत प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सहमति दे दी।महाराष्ट्र भाषा विवाद: यह विरोध प्रदर्शन सभी के लिए असुविधाजनक होगा।

मुंबईः उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे भले ही राजनीतिक रूप से अलग हों, लेकिन उन्होंने मराठी भाषा के मुद्दे पर एक साथ आने का फैसला लिया है। उनकी पार्टियां हिंदी भाषा ‘‘थोपे’’ जाने और पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा के लिए सरकार के त्रि-भाषा फॉर्मूले के खिलाफ मिलकर प्रदर्शन करेंगी। पांच जुलाई को होने वाला विरोध प्रदर्शन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे को एक मंच पर लाएगा। दोनों नेताओं ने बृहस्पतिवार को एक ही समय पर अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित करते हुए कहा था कि वे हिंदी और त्रि-भाषा फॉर्मूले को थोपे जाने का पुरजोर विरोध करेंगे। उद्धव ने सात जुलाई को आजाद मैदान में कुछ संगठनों द्वारा आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने की घोषणा की थी, जबकि उनके चचेरे भाई राज ने कहा था कि वह छह जुलाई को गिरगांव चौपाटी से एक गैर-राजनीतिक मार्च निकालेंगे और इसमें शिवसेना (उबाठा) सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित करेंगे।

 

शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज ने छह जुलाई को प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि उद्धव ने तुरंत प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सहमति दे दी, लेकिन उन्होंने चिंता जताई कि पूरे राज्य में धूमधाम से मनायी जाने वाली आषाढ़ एकादशी छह जुलाई को है जिसके कारण यह विरोध प्रदर्शन सभी के लिए असुविधाजनक होगा।

राउत ने कहा कि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख ने पांच जुलाई को दोनों पार्टी द्वारा संयुक्त प्रदर्शन करने का सुझाव दिया और राज ने इस पर हामी भर दी। उन्होंने कहा, ‘‘पांच जुलाई को मनसे और शिवसेना (उबाठा) का संयुक्त विरोध प्रदर्शन होगा। केवल समय पर निर्णय होना है क्योंकि राज ठाकरे ने सुबह 10 बजे प्रदर्शन करने का सुझाव दिया है और यह लोगों के लिए असुविधाजनक होगा।’’

उन्होंने कहा कि दोनों पार्टी विरोध प्रदर्शन के समय पर चर्चा करेगी। ठाकरे बंधुओं के बीच संभावित मेल-मिलाप की चर्चा पिछले कुछ दिन से जोरों पर है और भाषा का मुद्दा ऐसा एक मंच साबित हो सकता है जिसकी उन्हें एक साथ आने के लिए जरूरत है।

राउत ने कहा कि दोनों चचेरे भाइयों का मानना ​​है कि 1960 में राज्य के गठन के लिए संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान लड़ी गई लड़ाई के समान ही इस बार की लड़ाई होनी चाहिए और ठाकरे परिवार को इसका नेतृत्व करना चाहिए। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अब मुंबई को तोड़ने और मराठी मानुष को महाराष्ट्र से बाहर निकालने के लिए इसी तरह के हमले हो रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। मनसे की मुंबई इकाई के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने कहा, ‘‘एक मराठी मानुष के रूप में, मैं इस बात से खुश हूं कि जिस तरह से राज साहब ने मराठी मानुष के लिए नेतृत्व किया और उद्धव साहब ने भी उसी तरह सकारात्मक जवाब दिया।’’ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि हिंदी वैकल्पिक भाषा होगी, जबकि मराठी अनिवार्य है।

Web Title: Maharashtra language dispute Will Raj-Uddhav Thackeray oppose Hindi together Political stage set before BSC elections

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