महाराष्ट्र में कभी प्रतिशोध की भावना नहीं देखी गई, भाजपा विश्वास मत से भाग गईः सुले
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 30, 2019 06:41 PM2019-11-30T18:41:00+5:302019-11-30T18:41:00+5:30
शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने सदन में हुए मतदान में 169 मतों के साथ विश्वास मत हासिल किया। 288 सदस्यीय सदन में मतदान से पहले भाजपा के 105 विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया।
राकांपा ने शनिवार को भाजपा पर विधानसभा से भागने का आरोप लगाया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास आघाड़ी सरकार के विश्वास मत से पहले विपक्षी दल भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया।
शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने सदन में हुए मतदान में 169 मतों के साथ विश्वास मत हासिल किया। 288 सदस्यीय सदन में मतदान से पहले भाजपा के 105 विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया। भाजपा के विधायकों ने बहिर्गमन से पहले सत्र आयोजित करने और पार्टी के कालीदास कोलांबकर के स्थान पर कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर राकांपा नेता दिलीप वाल्से पाटिल की नियुक्ति पर आपत्ति जताई।
राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने भी कहा कि भाजपा विश्वास मत से भाग गई। उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरी तरह लोकतांत्रिक हैं। हम विपक्ष की आवाज नहीं दबाएंगे। हमारे लिए यह निजी लड़ाई नहीं है। हम प्रेम से उनका दिल जीतेंगे।’’ सुले ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में कभी प्रतिशोध की भावना नहीं देखी गई। हमारी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करेगी...जब विश्वास मत चल रहा था तब वे (भाजपा) भाग गए।’’
Nawab Malik, NCP on Opposition MLAs walkout of state Assembly ahead of floor test: Oath taking ceremony was conducted, Vidhan Sabha session held & Pro tem speaker appointed with consent of Governor&floor test held as per orders of SC.BJP is only trying to save face. #Maharashtrapic.twitter.com/YflxVcZAwn
— ANI (@ANI) November 30, 2019
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि फडणवीस को खुले दिल से उद्धव ठाकरे का स्वागत करना चाहिए था। चव्हाण ने कहा, ‘‘लेकिन इसके बजाय उन्होंने मामूली तकनीकी मुद्दा उठाया। यह सही नहीं है।’’
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मंजूरी के साथ वाल्से पाटिल को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही सत्र आयोजित किया गया।
मलिक ने कहा, ‘‘उन्हें सदन से भागने के लिए कोई बहाना चाहिए था इसलिए यह हंगामा किया। देवेंद्र जी (भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस) को वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे से सीख लेनी चाहिए कि एक विपक्षी नेता को कैसे काम करना चाहिए।’’