'महाराष्ट्र में सरकार गठन पर किसी भी समय आ सकती है अच्छी खबर', लेकिन शिवसेना ने ढाई-ढाई साल का फांस रखा है पेंच

By भाषा | Published: November 5, 2019 08:00 PM2019-11-05T20:00:18+5:302019-11-05T20:00:18+5:30

महाराष्ट्र: गत 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा 24 अक्टूबर को की गई थी और तब से सरकार गठन को लेकर अभी तक संशय की स्थिति बनी हुई है।

Maharashtra: Good news can come at any time about government formation in Maharashtra says BJP leader | 'महाराष्ट्र में सरकार गठन पर किसी भी समय आ सकती है अच्छी खबर', लेकिन शिवसेना ने ढाई-ढाई साल का फांस रखा है पेंच

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Highlightsभाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना के साथ चल रहे गतिरोध में संभावित सफलता मिलने के मंगलवार को संकेत दिये और कहा कि किसी भी क्षण ‘‘अच्छी खबर’’ आ सकती है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने हालांकि कहा कि अगर भाजपा महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल के लिये साझा करने के बारे में सोच रही है तो यह समझदारी वाली बात है।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना के साथ चल रहे गतिरोध में संभावित सफलता मिलने के मंगलवार को संकेत दिये और कहा कि किसी भी क्षण ‘‘अच्छी खबर’’ आ सकती है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने हालांकि कहा कि अगर भाजपा महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल के लिये साझा करने के बारे में सोच रही है तो यह समझदारी वाली बात है। राउत ने कहा, ‘‘हम भाजपा से (मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर) लिखित आश्वासन चाहते हैं क्योंकि हमारा पहले दिन से यही रुख रहा है।’’

गत 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा 24 अक्टूबर को की गई थी और तब से सरकार गठन को लेकर अभी तक संशय की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा अपने सरकारी आवास पर बुलाई भाजपा नेताओं की एक बैठक में शामिल होने के बाद महाराष्ट्र के वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुनगंतीवार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘किसी भी समय सरकार गठन को लेकर एक अच्छी खबर आ सकती है।’’

बैठक में भाग लेने वाले भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वे अब शिवसेना की ओर से प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने महाराष्ट्र में पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में फडणवीस को पूरा समर्थन दिया है।’’

पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने अगली सरकार के गठन के लिए भाजपा-शिवसेना ‘महायुति’ (महागठबंधन) को जनादेश दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना ने अभी तक हमें कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। भाजपा के दरवाजे उनके लिए 24x7 खुले हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोई संदेह नहीं है कि फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार जल्द ही बनेगी।’’ भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को लेकर खींचतान चल रही है।

राज्य विधानसभा की 288 सीटों में से भाजपा-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली हैं। भाजपा ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर विजय हासिल की है। राउत ने दोहराया कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से होगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति बदल रही है और उनकी पार्टी न्याय की लड़ाई में जीतेगी। राउत ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र पर निर्णय महाराष्ट्र में लिया जायेगा और मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा।’’

उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) क्या कहा। लेकिन अगर उन्होंने मुख्यमंत्री का पद ढाई-ढाई साल के लिये साझा करने के बारे में कहा है तो मैं इसे उनकी समझदारी भरी बात कहूंगा।’’ इस बीच शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि अगर शिवसेना यह घोषणा कर दे कि उसने भाजपा के साथ अपना संबंध तोड़ दिया है तो महाराष्ट्र में एक राजनीतिक विकल्प बनाया जा सकता है।

राकांपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी चाहती है कि केंद्र सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत भी इस्तीफा दे दें। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने यहां कहा, ‘‘इससे बढ़िया कुछ नहीं हो सकता अगर भाजपा शिवसेना को मुख्यमंत्री पद दे देती है लेकिन अगर भाजपा इनकार कर रही है तो एक विकल्प दिया जा सकता है। लेकिन शिवसेना को यह एलान करना होगा कि उसका भाजपा और राजग से अब कोई नाता नहीं है। इसके बाद विकल्प मुहैया कराया जा सकता है।’’

राज्य में सरकार गठन पर जारी गतिरोध के बीच कृषि कार्यकर्ता एवं हाल ही में शिवसेना में शामिल हुए किशोर तिवारी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भाजपा और शिवसेना के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।

भागवत को लिखे पत्र में तिवारी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख को इस स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए और महाराष्ट्र में सरकार गठन में गतिरोध दूर करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग इस मुद्दे पर संघ की ‘चुप्पी’ से चिंतित हैं। तिवारी ने भागवत को उनके द्वारा लिखे गये पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ गडकरी दो घंटे के अंदर इस स्थिति का समाधान करने में कामयाब होंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा गडकरी को ‘‘हाशिये’’ पर डाल रही है। यदि पार्टी या अमित शाह गडकरी को हस्तक्षेप के लिए अधिकृत करते हैं तो वह दो घंटे में गतिरोध दूर कर सकते हैं। 

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