उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत साबित कर दिया है। यह गठबंधन शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने मिलकर बनाया है। दोपहर दो बजे सदन की बैठक के बाद शक्ति परीक्षण किया गया जिसमें सरकार को 169 विधायकों का साथ मिला। हालांकि उद्धव सरकार को उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी का समर्थन नहीं मिला। हालांकि राज ठाकरेउद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण में शामिल रहे थे।
बहुमत परीक्षण के दौरान महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एकमात्र विधायक प्रमोद राजू रतन तटस्थ रहे। उन्होंने ना समर्थन में वोट दिया और ना ही विपक्ष में। गौरतलब है कि राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना से अलग होकर मनसे का गठन किया था। 2009 में मनसे ने 13 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन 2014 तक उनका जादू फीका पड़ने लगा। 2019 में भी उनकी पार्टी को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई।
आज महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले सरकार को उम्मीद थी कि वह आसानी से विश्वास मत हासिल कर लेगी। विश्वास परीक्षण से पहले तीनों पार्टियों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया था। इस बीच महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने शनिवार को कहा कि उद्धव ठाकरे के मंत्रालय का शपथ ग्रहण गैरकानूनी है क्योंकि यह निर्धारित प्रारूप के अनुसार नहीं हुआ। इस वजह से बीजेपी विधायकों ने सदन की कार्यवाही का वॉक-आउट किया। मनसे के विधायक ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।