महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी नई बात नहीं, 1999 और 2004 में भी हुई थी दो हफ्ते की देरी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 2, 2019 09:34 AM2019-11-02T09:34:39+5:302019-11-02T09:34:39+5:30

Maharashtra Government formation: महाराष्ट्र में सरकार के गठन में देरी केवल इस बार नहीं हो रही है बल्कि इससे पहले 1999, 2004 में भी हो चुका है ऐसा

Maharashtra: Delay in Government formation not new, it happened in 1999 and 2004 too | महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी नई बात नहीं, 1999 और 2004 में भी हुई थी दो हफ्ते की देरी

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच नई सरकार गठन को लेकर खींचतान जारी है

Highlightsमहाराष्ट्र में 1999 और 2004 में भी हुई थी सरकार गठन में दो हफ्ते से ज्यादा देरीमहाराष्ट्र में इस बार भी सरकार गठन को लेकर फंसा है बीजेपी-शिवसेना के बीच पेंच

मुंबई।  महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नई सरकार का गठन नहीं हो पाया है। 1999 और 2004 में भी सरकार के गठन में दो सप्ताह से ज्यादा की देरी हुई थी। विधानसभा के सूत्रों के अनुसार यह देरी अभूतपूर्व नहीं है और तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाना जरूरी नहीं होगा। 

राज्य में 24 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अधिक सीटें जीतने वाली गठबंधन सहयोगी भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर गतिरोध बना हुआ है। हालांकि सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विधानसभा का पहला सत्र बुला सकते हैं। 

भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने शुक्रवार को कहा कि अगर 7 नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। राज्य की 13वीं विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है। 

विधानसभा के सूत्रों ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि राज्यपाल को नई विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए कैबिनेट की सिफारिश जरूरी है, लेकिन यदि कैबिनेट में फिलहाल मुख्यमंत्री भी हों तो पर्याप्त होगा। 

सूत्रों के अनुसार नवनिर्वाचित विधायकों की अधिसूचना राज्यपाल को प्रेषित कर दी गई है तथा 25 अक्तूबर को नई विधानसभा का गठन कर दिया गया। राज्यपाल सदस्यों को शपथ ग्रहण के लिए सत्र बुला सकते हैं। 1999 और 2004 में सरकार गठन में दो सप्ताह से ज्यादा की देरी हुई थी, जब चुनाव में जीतने वाले सहयोगी दलों कांग्रेस तथा राकांपा के बीच सत्ता बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही थी। 

1999 में कांग्रेस ने शरद पवार की नवनिर्मित राकांपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाई थी। लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री के पद और मंत्रियों को लेकर काफी रस्साकशी हुई थी। उस समय कांग्रेस के विलासराव देशमुख को मुख्यमंत्री बनाया गया था। 

इसी तरह की स्थिति 2004 में देखने को मिली जब राकांपा को ज्यादा सीटें मिलीं और उसने मुख्यमंत्री के पद की मांग उठाई। हालांकि यह शीर्ष पद कांग्रेस के पास ही रहा तथा राकांपा को दो अतिरिक्त मंत्रालय दिए गए।

Web Title: Maharashtra: Delay in Government formation not new, it happened in 1999 and 2004 too

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे