"राजनीति न करें, घर जाकर खाना बनाएं" वाले बयान पर महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने सुप्रिया सुले से मांगी माफी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 29, 2022 09:55 PM2022-05-29T21:55:56+5:302022-05-29T22:04:31+5:30
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने राज्य महिला आयोग के द्वारा एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए नोटिस दारी होने के बाद माफी मांग ली है। पाटिल ने सुप्रिया सुले के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि वो ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर "राजनीति न करें, घर जाकर खाना बनाएं।
मुंबई: महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने रविवार को एनसीपी नेता सुप्रिया सुले की खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है।
चंद्रकांत पाटिल ने यह कदम तब उठाया है जब राज्य महिला आयोग ने उन्हें एनसीपी नेता शरद पवार की बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में नोटिस जारी करके तलब कर लिया था।
चंद्रकांत पाटिल ने सुप्रिया सुले के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए कहा था कि वो ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर "राजनीति न करें, घर जाकर खाना बनाएं"।
भाजपा प्रमुख पाटिल के द्वारा माफी मांगने के बाद सुप्रिया सुले ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी गलती के लिए और अमर्यादित भाषा के लिए माफी मांग ली है तो हमें भी 'बड़ा दिल' दिखाते हुए उन्हें माफ कर देना चाहिए और इस विवाद को यही पर शांत कर देना चाहिए।
वहीं इस मामले में राज्य महिला आयोग ने भी प्रदेश भाजपा प्रमुख पालिट के खिलाफ काफी सख्ती दिखाई थी। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने कहा, "महिला आयोग ने सु्प्रिया सुले के खिलाफ पालिल की अवांछित टिप्पणी के लिए नोटिस जारी किया था और उन्हें इस मामले में तलब किया था। लेकिन उन्होंने अपनी टिप्पणी पर शर्मिंदगी जाहिर करते हुए जवाब के साथ माफीनामा भी भेजा है।"
मालूम हो कि महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने बीते बुधवार को ओबीसी आरक्षण पर भाजपा के विरोध प्रदर्शन के दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि वो ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय घर जाकर खाना बनाएं।
पाटिल ने कहा था, "आप (सुले) राजनीति में क्यों हैं आपको तो घर जाकर खाना बनाना चाहिए। आप दिल्ली जाओ या फिर कब्रिस्तान जाओ, उससे हमें मतलब नहीं है, आपको ओबीसी कोटा देना होगा। आप लोकसभा की सदस्य हैं और आपको नहीं पता कि मुख्यमंत्री के साथ किस तरह से अप्वाइंटमेंट ली जाती है।"
चंद्रकांत पाटिल के इस बयान के लिए सीपीएम नेता बृंदा करात और डीएमके नेता कनिमोझी ने उनकी तीखी आलोचना की थी और इसे पुरुषवादी मानसिकता से दिये गया बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान माना था। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)