मद्रास उच्च न्यायालयः राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी को ‘बेड़ियों में जकड़े हुए’ दिखाने वाले कार्टून को जल्द हटाओ और केंद्र को रिपोर्ट करो, आनंद विकटन को निर्देश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 7, 2025 14:30 IST2025-03-07T14:30:06+5:302025-03-07T14:30:57+5:30

मद्रास उच्च न्यायालयः सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के 25 फरवरी, 2025 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत वेबसाइट पर रोक लगा दी गई थी।

Madras High Court directs Anand Vikatan immediately remove cartoon showing PM Narendra Modi 'chained' meeting US President Donald Trump and report Centre | मद्रास उच्च न्यायालयः राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी को ‘बेड़ियों में जकड़े हुए’ दिखाने वाले कार्टून को जल्द हटाओ और केंद्र को रिपोर्ट करो, आनंद विकटन को निर्देश

Tamil magazine group, Vikatan(Left), Pm Modi chained image (Right)

Highlightsमंत्रालय को वेबसाइट से प्रतिबंध हटाये जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। कार्टून से भारत की अखंडता और संप्रभुता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।जनता की पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए बनाये गये कानून के तहत नहीं आता।

चेन्नईः मद्रास उच्च न्यायालय ने ‘आनंद विकटन प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड’ को निर्देश दिया है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘बेड़ियों में जकड़े हुए’ दिखाने वाले कार्टून को हटा दे और ऐसा किये जाने की सूचना केंद्र सरकार को दे। न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती ने कहा कि सूचना प्राप्त होने के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय आनंद विकटन वेबसाइट पर से प्रतिबंध हटा देगा। न्यायाधीश ने ‘आनंद विकटन प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘आनंद विकटन पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा दायर याचिका पर बृहस्पतिवार को अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के 25 फरवरी, 2025 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत वेबसाइट पर रोक लगा दी गई थी।

याचिका में मंत्रालय को वेबसाइट से प्रतिबंध हटाये जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। मामले की सुनवाई के दौरान आनंद विकटन की ओर से वरिष्ठ वकील विजय नारायण ने दलील दी कि नेताओं को चित्रित करने वाले कार्टून से भारत की अखंडता और संप्रभुता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए में ऐसे कारण सूचीबद्ध हैं जिनके आधार पर केंद्र किसी भी कंप्यूटर संसाधन के माध्यम से किसी भी सूचना तक लोगों की पहुंच को अवरुद्ध करने के निर्देश जारी कर सकता है। नारायण ने कहा कि आनंद विकटन द्वारा प्रकाशित कार्टून सूचना तक जनता की पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए बनाये गये कानून के तहत नहीं आता।

अतिरिक्त महाधिवक्ता ए.आर.एल. सुंदरेसन ने कहा कि आदेश में कहा गया है कि यह कार्टून आईटी अधिनियम की धारा 69 ए का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने पहले ही कहा था कि यदि पत्रिका स्वेच्छा से आपत्तिजनक कार्टून हटा दे तो वेबसाइट तक जनता की पहुंच की अनुमति दी जा सकती है।

उन्होंने जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि यह कार्टून प्रेस की स्वतंत्रता है या शरारतपूर्ण कृत्य, इस संबंध में बाद में निर्णय लिया जा सकता है। न्यायाधीश ने कहा कि इस बीच, अदालत के अंतरिम आदेश के अधीन, पत्रिका आपत्तिजनक व्यंग्यचित्र को हटा देगी और इसकी सूचना केंद्र सरकार को देगी। न्यायाधीश ने कहा कि सूचना प्राप्त होने के बाद केंद्र सरकार वेबसाइट तक जनता की पहुंच की अनुमति दे सकती है। न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च की तारीख तय की।

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