मद्रास उच्च न्यायालय ने एमएनएम के प्रमुख कमल हासन के बयान ‘आजाद भारत का पहला चरमपंथी हिंदू था’ को लेकर उनके विरूद्ध दर्ज मामले में अग्रिम जमानत के लिए उनके (हासन) द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया।फिल्मी दुनिया से राजनीति में उतरे हासन की अर्जी पर न्यायमूर्ति बी पुगलेंधी ने आदेश सुरक्षित रख लिया। हालांकि उन्होंने तारीख नहीं बतायी। करूर जिले के अरवाकुरिचि में पुलिस ने एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर अभिनेता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जब न्यायालय ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी खारिज करने से इनकार कर दिया तब हासन ने अग्रिम जमानत अर्जी लगायी।न्यायालय ने कहा था कि ऐसी अर्जियों पर अवकाश के दौरान तत्काल अर्जियों की भांति सुनवाई नहीं हो सकती और यदि अग्रिम जमानत आवेदन दिया जाता है तो उस पर सुनवाई की जा सकती है। हासन ने रविवार को अरवाकुरिचि विधानसभा में एक चुनावी जनसभा में कहा था कि आजाद भारत का पहला चरमपंथी हिंदू था।हासन के खिलाफ भादसं की धाराएं 153 ए और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया । ये धाराएं क्रमश: धार्मिक भावनाएं आहत करने और विभिन्न समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देने से जुड़ी हैं। हासन ने कहा था कि लोगों की बीच उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
'आजाद भारत का पहला चरमपंथी हिंदू था' मामले में मद्रास HC ने हासन की अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
By भाषा | Updated: May 17, 2019 05:28 IST