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मध्य प्रदेश में नए कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर घमासान, सोनिया गांधी कुछ ही दिनों में लेंगी फैसला

By शीलेष शर्मा | Updated: September 4, 2019 19:09 IST

मध्य प्रदेश में तीन खेमे अध्यक्ष पद को लेकर जोर-आजमाइश कर रहे हैं। इनमें एक खेमा सीएम कमलनाथ का बताया जा रहा है तो दो बाकी ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के हैं। राज्य में तीन खेमों बंटी कांग्रेस को देख सोनिया गांधी के लिए अध्यक्ष पद को लेकर फैसला लेना कठिन लग रहा है।

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हरियाणा में नयी नियुक्तियां कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी की आतंरिक कलह पर अंकुश लगाने में कामयाब हो गयी हैं लेकिन मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मचे घमासान का मुद्दा अभी भी सोनिया के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अगले तीन-चार दिन में सोनिया मध्य प्रदेश में अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चौंकाने वाला फैसला ले सकती हैं.

दरअसल कांग्रेस के मध्य प्रदेश में सत्ता में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की तमाम कोशिशों के बावजूद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमलनाथ को प्रदेश की बागडोर सौंप दी थी. वहीं ज्योतिरादित्य को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर उन्हें शांत करने की कोशिश की.

लोकसभा चुनाव हार जाने के कारण अलग-थलग पड़े सिंधिया ने राहुल के इस्तीफे के साथ ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने मध्य प्रदेश की राजनीति में दखल देने के इरादे से अपनी दावेदारी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ठोंक दी.

प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. राज्य की राजनीति पर हावी तीनों खेमे जिनमें ज्योतिरादित्य का खेमा, दिग्विजय सिंह का खेमा और कमलनाथ का खेमा प्रदेश अध्यक्ष बनवाना चाहता है. 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का दिग्विजय सिंह खुला विरोध कर रहे हैं, उन्होंने नेतृत्व को संकेत दिये हैं कि यदि सिंधिया को अध्यक्ष बनाया गया तो कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर जाएगी. वहीं दूसरी ओर ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बना कर सोनिया गांधी को साफ किया कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो उनके समर्थक विधायक भाजपा में शामिल हो जाएंगे.

सिंधिया ने अपने इस दबाव को सही साबित करने के लिए अपने समर्थकों से इस आशय के बयान भी जारी करा दिए हैं.

दूसरी ओर तीसरे खेमे के रूप में काम कर रहे कमलनाथ अपने प्रबल समर्थक बाला बच्चन को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहे हैं, क्योंकि अभी तक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कमलनाथ के पास है.

दिग्विजय सिंह ने राज्य के कद्दावर नेता अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह ऊर्फ राहुल पर दांव लगाया है और वे कोशिश कर रहे हैं कि वे अजय सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जाए. अजय सिंह का नाम उछाल देने से दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच भी मतभेद पैदा हो गये हैं.

दिग्विजय सिंह को सिंधिया के कोप का भी शिकार होना पड़ रहा है उनके एक समर्थक विधायक ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया है कि वे ट्रास्फर पोस्टिंग कराने में व्यस्त हैं और कमलनाथ सरकार पर दबाव बनाये हुए हैं. साथ ही इस विधायक का यह भी आरोप है कि खनन और शराब का जो माफिया मध्य प्रदेश से गुजरात तक जो चल रहा है उसके पीछे भी दिग्विजय सिंह का हाथ है.

तीनों खेमों की आपसी लड़ाई इतनी गहरी हो गयी है कि सोनिया गांधी के लिए कोई फैसला लेना कठिन हो गया है, बावजूद इसके सूत्रों ने दावा किया कि सोनिया गांधी अगले कुछ दिनों में इस आतंरिक कलह पर विराम लगाने के लिए चौंकाने वाला फैसला लेने की तैयारी कर रही हैं जिसमें इनके अलावा वे किसी नये नाम को या तो अध्यक्ष बना सकती हैं अथवा एक अध्यक्ष के साथ-साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने की योजना शामिल है.

प्राप्त संकेतों के अनुसार अजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कड़ा मुकाबला है जिस पर सोनिया को निर्णय लेना है.

टॅग्स :मध्य प्रदेशभोपालकांग्रेसकमलनाथ
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