मध्य प्रदेशः शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने मांगी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, क्या लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव!

By नईम क़ुरैशी | Published: October 3, 2023 06:02 PM2023-10-03T18:02:44+5:302023-10-03T18:03:42+5:30

आदि शंकराचार्य के जीवन पर आधारित उनका उपन्यास विद्रोही संन्यासी काफ़ी प्रसिद्ध हुआ और हिंदी के अलावा इंग्लिश, मराठी और उर्दू में उसके अनुवाद छपे।

Madhya Pradesh Shahdol Commissioner Rajeev Sharma asked for voluntary retirement can contest assembly elections | मध्य प्रदेशः शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने मांगी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, क्या लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव!

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Highlightsविद्रोही संन्यासी आज भी बेस्ट सेलर में टॉप पर बना हुआ है।बांधवगढ़ में एएसआई ने खोज की, जिसमें 26 मंदिर व उनके अवशेष और दो शैव मठ भी मिले हैं।सबसे आकर्षक मूर्तियां विष्णु के दशावतार से जुड़ी हैं।

शहडोलः शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने सरकार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया है। शाजापुर एसडीम और कलेक्टर रहे श्री शर्मा एक ईमानदार और निष्पक्ष आईएएस अधिकारी की छवि रखते हैं। मूलतः भिंड के रहने वाले राजीव शर्मा जहाँ पदस्थ रहे, जन सरोकार के लिए नए प्रयोग के लिए जाने जाते हैं। मप्र में एन चुनाव के समय उनके इस कदम को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मैंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया है, सरकार उसका निस्तार कर रही है। मैं अब चम्बल के बीहड़ के सुधार के लिए काम करूंगा। वहां की संस्कृति और जीवन पद्द्ति में जो वैमनस्य का भाव है उसे सामान्यस्य के भाव में बदलने के लिए जा रहा हूं। उल्लेखनीय है श्री शर्मा ने शहडोल संभाग में रहते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने में कई उल्लेखनीय कार्य किये।

विश्व प्रसिद्ध बंधवगढ़ टाइगर रिजर्व में स्वच्छता अभियान के साथ पर्यटकों की सुविधा, अमरकंटक में धार्मिक पर्यटन के लिए काम किये। वहीं उन्होंने फुटबाल के खेल को बढ़ावा देते हुए शहडोल संभाग में इस खेल के प्रति क्रांति ला दी। आज वहां के कई खिलाड़ी राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

शर्मा कवि और लेखक भी हैं, आदि शंकराचार्य के जीवन पर आधारित उनका उपन्यास विद्रोही संन्यासी काफ़ी प्रसिद्ध हुआ और हिंदी के अलावा इंग्लिश, मराठी और उर्दू में उसके अनुवाद छपे। विद्रोही संन्यासी आज भी बेस्ट सेलर में टॉप पर बना हुआ है।

शर्मा के रहते बांधवगढ़ में एएसआई ने खोज की, जिसमें 26 मंदिर व उनके अवशेष और दो शैव मठ भी मिले हैं, जो कालचुरी काल नौवी से11वीं सदी के हैं। वहीं 46 मूर्तियां भी मिली हैं। इनमें सबसे आकर्षक मूर्तियां विष्णु के दशावतार से जुड़ी हैं।

इनमें विष्णु के वराह, कूर्म व मत्स्य अवतार की मूर्तियां व एक जलाशय के पास शयन करते विष्णु की बेहद विशाल मूर्ति प्रमुख हैं। एक मंदिर में राम दरबार भी मिला है। वहीं संत कबीर से जुड़े मंदिरों के अवशेष भी मिले हैं। वराह की एक विशालकाय खंडित प्रतिमा भी मिली है, जो शायद दुनिया की सबसे बड़ी वराह प्रतिमा हो सकती है।

Web Title: Madhya Pradesh Shahdol Commissioner Rajeev Sharma asked for voluntary retirement can contest assembly elections

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