कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में उठा सियासी तूफान अब तेज हो गया है. कांग्रेस द्वारा दो विधायकों को अपने पाले में लाने के बाद भाजपा इसका जवाब देने के लिए लगातार मंथन बैठकें कर करती रही. बैठकों का दौर प्रदेश भाजपा कार्यालय में चला. इसके अलावा संघ कार्यालय में संघ पदाधिकारी भी सक्रिय नजर आए.
उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ली. चौहान अपरान्ह में दिल्ली रबाना हो गए. चौहान की दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष से बात होगी.
राज्य विधानसभा में दंड संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए हुए मतदान में भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने कमलनाथ सरकार पर विश्वास जताया और विधेयक के पक्ष में मतदान किया. भाजपा के दो विधायकों के कांग्रेस के पाले में जाने से भाजपा को जो करारा झटका लगा, उसके बाद से बुधवार की रात से लेकर आज दिनभर भाजपा कार्यालय में बैठकों का दौर जारी रहा.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने सुबह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के साथ अलग-अलग बैठकें की. इसके बाद तीनों नेताओं ने एक साथ बैठक कर विधायकों को एकजुट रखने पर बल दिया. भाजपा की इन बैठकों में फिलहाल यह प्रयास किया गया कि दोनों विधायकों को अपने पक्ष में रखा जाए, मगर दोनों विधायक भाजपा के किसी नेता से आज नहीं मिले.
प्रदेश कार्यालय में हुई बैठकों में पूर्व मंत्री और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामल हुए संजय पाठक भी पहुंचे थे. पाठक के अलावा भाजपा अब उन विधायकों पर नजरें रखे हुए हैं जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे और चुनाव लड़कर विधायक बने हैं.
संघ और राष्ट्रीय नेतृत्व के सक्रिय होने के बाद पूरी भाजपा अब इस रणनीति पर काम कर रही है कि कांग्रेस को किस तरह और कब करारा जवाब दिया जाए.यही वजह है कि आज भाजपा के वरिष्ठ नेता बयानबाजी से बचते रहे. बैठकों में शामिल होने वाले नेता , मीडिया से दूरी ही बनाते नजर आए.
संघ हुआ सक्रिय
भाजपा पदाधिकारियों के अलावा संघ ने भी आज सक्रियता दिखाई. संघ ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चर्चा की और रिपोर्ट मांगी. बीती रात को ही संघ पदाधिकारियों ने शिवराज सिंह चौहान को संघ कार्यालय बुला लिया था. संघ पदाधिकारियों ने भी विधायकों की एकजुटता पर जोर दिया है. साथ ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़े और जीते विधायकों की जानकारी भी संघ ने संगठन से तलब की है. इसके अलावा विधायकों को तोड़-फोड़ को कैसे रोका जाए, इसकी जानकारी भी संगठन से मांगी है.
भाजपा में वापस जाने का सवाल ही नहीं: त्रिपाठी
विधायक नारायण त्रिपाठी ने आज साफ कर दिया कि भाजपा में अब उनकी वापसी का सवाल ही नहीं है. त्रिपाठी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वे शिवराज सिंह चौहान की कार्यशैली से नाराज है. उनके अलावा और भी विधायक हैं जो चौहान की कार्यशैली से नाराज हैं. त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि कई विधायक शिवराज से नाराज हैं.
भाजपा में वापसी को लेकर त्रिपाठी ने साफ कहा कि इसका अब सवाल ही नहीं उठता है. त्रिपाठी ने कहा कि मैहर के विकास के लिए कमलनाथ सरकार के साथ में हूं. मैहर के लिए जो करना पड़े करूंगा. उन्होंने कहा कि अपनी पीड़ा को लेकर बीजेपी के हर फोरम पर बात रखी मगर कहीं सुनवाई नहीं हुई है. इसलिए मजबूरन ये कदम उठाना पड़ा.
चौहान गए दिल्ली
प्रदेश संगठन और संघ के नेताओं से चर्चा करने के बाद अपरान्ह में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली रबाना हो गए. वे औपचारिक रुप से भाजपा के संसदीय दल की बैठक में भाग लेने गए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के घटनाक्रम के संदर्भ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष से आमने-सामने की बातचीत भी होगी.