MP चुनाव: सूबे में बीजेपी को खतरे में देख RSS ने थामी चुनाव अभियान की कमान

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Updated: October 28, 2018 15:44 IST2018-10-28T15:44:06+5:302018-10-28T15:44:06+5:30

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवबंर को मतदान होना है। अभी तक राज्य के दोनों बड़े दलों ने अपने प्रत्याशियों कि घोषणा नहीं की है। दिल्ली में कांग्रेस के प्रत्याशियों के चयन के लिए कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति मैराथान बैठकें कर रही है। 

madhya pradesh: RSS takes election campaign responsibility | MP चुनाव: सूबे में बीजेपी को खतरे में देख RSS ने थामी चुनाव अभियान की कमान

MP चुनाव: सूबे में बीजेपी को खतरे में देख RSS ने थामी चुनाव अभियान की कमान

विधानसभा चुनाव के लिए  मतदान की तारीख करीब आते ही चुनावी जमावटे तेज होने लगी है। लगातार तीन बार से सत्ता में काबिज भाजपा को चुनावी सफलता दिलवाने के लिए संघ ने, भाजपा के पक्ष में चुनावी रणनीति और अभियान की कमान संभाल ली है। संघ के द्बारा कराए गए सर्वे में जब यह बात उभर कर सामने आई कि भाजपा के आधे से ज्यादा विधायक खतरे में है तो संघ ने अपनी जमावट तेज कर दी। 

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवबंर को मतदान होना है। अभी तक राज्य के दोनों बड़े दलों ने अपने प्रत्याशियों कि घोषणा नहीं की है। दिल्ली में कांग्रेस के प्रत्याशियों के चयन के लिए कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति मैराथान बैठकें कर रही है। 

इसके बाद संभावित प्रत्याशियों की सूची पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अनुमोदन के लिए जाएगी। वे सूची को ज्योतिरादित्य सिधिंया और कमलनाथ के साथ बैठकर अंतिम रुप देगें। कांग्रेस की सूची इस तरह अंतिम स्वरूप की तरफ आगे बढ़ रही है। 

कांग्रेस की तुलना में भाजपा अपने प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए फिलहाल भोपाल में ही चुनाव समिति की बैठकर रही है। चुनाव अभियान समिति की सिफारिस के बाद यह सूची एक -दो दिन में नेतृत्व के बाद दिल्ली पहुंच जाएगी।

दोनों बड़े दलों के द्बारा प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रुप दिए जाने की कवायद के बीच जहां कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी मैदान में डट गए हैं वहीं भाजपा की तरफ से संगठन और संघ विभिन्न आयोजन कर सक्रियता बनाए हुए है। 

इसी अभियान के तहत आज मुख्यमंत्री ने भोपाल के रविन्द्र भवन से युवा टाउन हाल कार्यक्रम के तहत प्रदेश की सभी 230 विधानसभा की सीटो के युवकों को संबोधित किया। इस सब के बीच राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ ने भाजपा के पक्ष में मोर्चा और मैदान संभाल लिया है। संघ के विभिन्न अनुसंघगिक संगठन अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र में काम पर लग गए हैं। 

संघ इस लिए भी समय पूर्व भाजपा के पक्ष में मैदान में उतरा है, क्योंकि उसके द्बारा किए गए मैदानी सर्वेक्षण में भाजपा के आधे से ज्यादा विधायकों की स्थिति ठीक नहीं बताई गई है। इसीलिए संघ ने भाजपा को मसविरा दिया है कि वह अपने आधे से ज्यादा अलोकप्रिय विधायकों के टिकिट बदलें। 

संघ का फोकस मुख्यत: राज्य के मालवा निमाड़ इलाके पर है, जहां से प्रदेश की सत्ता को गलियारा निकलता है। राज्य के मालवा  निमाड़ इलाके में प्रदेश की 230 में से 66 सीटे आती हैं। 

इन 66 सीटों में से 56 सीटों पर 2013 में भाजपा ने जीत दर्ज कराई थी, लेकिन इस बार किसान आंदोलन के कारण भाजपा की जीत आसान नहीं दिख रही है। इसके साथ ही एससी एसटी एक्ट को लेकर हुए सवर्ण आंदोलन में भी उसके आधार वोर्ड को झटका दिया है। संघ को इसीलिए यह चिनंता सता रही है कि इस चुनाव में हिंदुत्व की प्रयोगशाला माने जाने वाले इलाका कहीं उसके हाथ से न निकल जाए।
(मध्यप्रदेश से शिवअनुराग पटैरया की रिपोर्ट)

Web Title: madhya pradesh: RSS takes election campaign responsibility

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