Madhya Pradesh:राघौगढ़ को जो अपनी जागीर मानते थे, उनको जनता ने सीखा दिया सबकः CM शिवराज बोले- PM मोदी के गले में डालना हैं 29 कमल की माला
By आकाश सेन | Published: December 8, 2023 06:54 PM2023-12-08T18:54:49+5:302023-12-08T19:03:10+5:30
भोपाल : मध्यप्रदेश के कार्यकारी मुख्यनमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री का फोकस हारे हुए सीटों पर है। इसी कड़ी में उन्होंने आज कांग्रेस से राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के गढ़ राघोगढ़ में रोड-शो किया।

Madhya Pradesh:राघौगढ़ को जो अपनी जागीर मानते थे, उनको जनता ने सीखा दिया सबकः CM शिवराज बोले- PM मोदी के गले में डालना हैं 29 कमल की माला
सीएम शिवराज ने कहा कि मेरा अभियान जारी रहेगा। जनता का आभार व्यक्त करने आया हूं। मेरा संकल्प है कि 29 की 29 सीट जीतें। लोकसभा में मप्र की 29 सीट पीएम मोदी को देना है। मेरा ये अभियान जारी रहेगा। राघौगढ़ बाजार में रोड शो में कहा कि मैं मिशन 29 को लेकर निकला हूं। पीएम मोदी के गले में 29 कमल की माला डालनी है, इसके लिए 230 विधानसभा जीतना जरूरी है।
कांग्रेस को ईवीएम ने नहीं अहंकार ने हराया है
सीएम शिवराज ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि, राघौगढ़ को जो अपनी जागीर मानते थे और जिनके पास आस-पास की सीटों को जिताने का ठेका था, उनके जिले में भाजपा प्रत्याशी 60 हजार, 50 हजार वोटों से जीते हैं। वहीं शिवराज ने ईवीएम पर दोष मढ़ने वालो को लेकर कहा कि, खिसियानी बिल्ली खंभा नोचें, कांग्रेसी अब ईवीएम पर दोष मढ़ रहे हैं की ईवीएम ने हरा दिया, ईवीएम ने हरा दिया। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ईवीएम मशीन से नहीं बल्कि अपने अहंकार से हारी है। जिस दिन कांग्रेस कर्नाटक में जीती थी उसी दिन भाजपा मध्यप्रदेश में जीत गई थी, क्योंकि कर्नाटक की जीत ने कांग्रेसियों के अंदर अहंकार भर दिया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राघौगढ़ में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में कांग्रेस और दिग्विजय सिंह पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, जिन्होंने 10 साल प्रदेश और राघौगढ़ में राज किया वो प्रदेश और राघौगढ़ के अपराधी है। सीएम शिवराज ने कहा कि, साल 2003 में मैंने राघौगढ़ से चुनाव लड़ा था। उस वक्त मुझे लगता था कि, मुख्यमंत्री का क्षेत्र है तो विकास भी बेहतर ही हुआ होगा, लेकिन जैसे ही मैंने राघौगढ़ में प्रवेश किया तो पता ही नहीं चला कि, सड़कों में गड्ढें हैं या फिर गड्ढों में सड़कें। ना बिजली थी ना पानी था ना ही सड़कें थी। कांग्रेस के जमाने में पूरा प्रदेश अंधेरे में डूबा हुआ था।