मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जारी शाब्दिक टकराव सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर आज सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यदि वचन पत्र में हमारे द्वारा लोगों से किया गया वायदा पूरा नहीं होता है तो हमें लाचारी में सड़क पर उतरना ही होगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह हम सबों के लिए सब्र रखने का समय है। जो वायदा हमने जनता से किया है, सरकार को उसे पूरा करना ही होगा। इसके आगे सिंधिया ने कहा कि मैं जनता का सेवक हूं। ऐसे में उनके मुद्दे पर बात करना मेरा धर्म है।
इसके पहले कांग्रेस महासचिव तथा पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा था कि दोनों नेता सत्ता में आने से पहले मध्य प्रदेश की जनता से पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए मुलाकात करेंगे।
बावरिया ने ‘पीटीआई- भाषा’ को बताया, ‘‘कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया इस हफ्ते मुलाकात करेंगे और लंबित मुद्दों पर काम करेंगे तथा मध्य प्रदेश के विभिन्न वर्गों के लोगों की चिंताओं और मांगों का समाधान खोजेंगे।’’
दोनों नेताओं के बीच किसी प्रकार के मतभेद की खबरों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता जन कल्याण के लिए काम कर रहे हैं और मध्य प्रदेश में सुशासन उपलब्ध करा रहे हैं।’’
इसके पहले भी सिंधिया के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा था कि यदि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र को पूरा लागू नहीं करती है तो वह सड़कों पर उतरेंगे। इस मामले में एक सवाल के जवाब में आज प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा था कि उन्हें सड़क पर उतरना है तो उतर जाएं।
बता दें कि सिंधिया ने कहा था कि दिल्ली चुनाव में पार्टी की हार के बाद सोच बदलने की भी जरूरत बताई। संत रविदास जयंती के अवसर पर जिले में कुडीला गांव में एक सभा को सम्बोधित करते हुए सिंधिया ने कहा, ‘‘ मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं। आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थीं। मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है।’’
उन्होंने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा, ‘‘अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंग पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना। आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा। सरकार अभी बनी है, एक वर्ष हुआ है।