मध्य प्रदेशः प्रदेश में आक्सीजन संकट नहीं, मुख्यमंत्री चौहान बोले- रिकवरी रेट 75.3 प्रतिशत
By शिवअनुराग पटैरया | Published: September 11, 2020 06:14 PM2020-09-11T18:14:53+5:302020-09-11T18:14:53+5:30
राज्य शासन द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गईं हैं. विभिन्न राज्य सरकारों से भी समन्वय किया जा रहा है. प्रदेश में आक्सीजन उपलब्धता की मानीटरिंग के लिए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला को दायित्व सौंपा गया है.
भोपालः महाराष्ट्र के द्वारा मध्य प्रदेश को आक्सीजन की सप्लाई रोके जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में आक्सीजन का संकट नहीं है. पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध है.
किसी को भी चिंता की आवश्यकता नहीं है. राज्य शासन द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गईं हैं. विभिन्न राज्य सरकारों से भी समन्वय किया जा रहा है. प्रदेश में आक्सीजन उपलब्धता की मानीटरिंग के लिए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला को दायित्व सौंपा गया है.
मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर निरंतर सजगता की आवश्यकता है. स्वास्थ्य संस्थाओं में स्थापित किए गए फीवर क्लीनिक, संभावित लक्षणों से प्रभावित व्यक्तियों के परीक्षण और उपचार के लिए निरंतर सक्रिय रूप से कार्य करें.
होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों की मानीटरिंग के लिए जिला स्तर पर बनाए गए कमांड एवं कंट्रोल सेंटर की व्यवस्थाओं की भी प्रभारी अधिकारी निरंतर मानीटरिंग करें. बैठक में बताया गया कि प्रदेश का रिकवरी रेट 75.3 प्रतिशत है. प्रदेश में अब-तक 83 हजार 619 पाजीटिव प्रकरण सामने आए. रिकवर हुए केस 62 हजार 936 हैं.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के प्रकरण प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं. इससे बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सतर्क रहना आवश्यक है. कार्य व्यवहार में परस्पर दूरी और मास्क का उपयोग सुनिश्चित करना आवश्यक है. समीक्षा बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला, आयुक्त जनसंपर्क डा. सुदाम खाडे एवं अन्य अधिकारी उपलब्ध थे.