Madhya Pradesh :MP के CM मोहन यादव का मंत्रिमंडल भी चौंकाएगा !
By आकाश सेन | Published: December 14, 2023 08:14 PM2023-12-14T20:14:47+5:302023-12-14T20:16:42+5:30
भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सरकार की कमान संभाल ली है। अभी उनकी टीम यानी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर शुरु हो गया है। सीनियरों को जगह मिलेगी या फिर गुजरात फॉर्मूले के तहत मंत्रिमंडल भी चौंकाने वाला होगा ये समझना जरुरी है ।
भोपाल : एमपी के 19 वें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सरकार की जिम्मेदारी संभाल ली है । सरकार संभालते ही उन्होंने प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकरों पर अंकुश लगाने के आदेश जारी कर दिए है। लेकिन अब मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी है। माना जा रहा है कि CM मोहन जल्द ही अपने मंत्रिमडल का विस्तार कर सकते है। लेकिन मंत्रिमंडल में कौन से चेहरे शामिल होंगे इसको लेकर संशय की स्थिती है। पूर्व मंत्रियों और सांसद पद से इस्तीफा देकर विधायक बनें विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देनी होगी। जिसको लेकर बड़े नेताओं से प्रारंभिक चर्चा करने के बाद CM डॉ मोहन यादव भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद के साथ जल्द दिल्ली जाएंगे।
गुजरात फॉर्मूला चलता है तो कैबिनेट नए चेहरों के साथ बनेगी। जो लंबे समय से मंत्री रहे, ऐसे कई बड़े नाम बाहर होंगे। उन्हें सिर्फ जातिगत गणित यानी सोशल इंजीनियरिंग ही बचा पाएगा। यानी CM चेहरे की तरह अब मोहन का मंत्रिमंडल भी चौंकाएगा। हालाकी इसको लेकर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी नेतृत्व सभी की भूमिका तय करेगा ।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि डिप्टी CM और स्पीकर की नियुक्ति के बाद हाईकमान बचे हुए बड़े नेताओं कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, विजय शाह, भूपेंद्र सिंह, बिसाहूलाल सिंह जैसे कुछ नेताओं की भूमिका जल्द स्पष्ट करेगा। इसके बाद ही मंत्रिमंडल के नाम फाइनल होंगे।
संघ के नामों को प्राथमिकता में रखा जा सकता है। इसके साथ जातिगत समीकरण और महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जा सकती है। खबर ये भी है कि रीजन और संभागों में भी संतुलन बैठाया जाएगा। ऐसे में देखने बेहद अहम होगा कि मोहन का मंत्रिमंडल में कौन- कौन से चेहरे शामिल होते है और जिसे जगह नहीं मिलती है उसकी क्या भूमिका होती है। क्योकिं सीएम मोहन यादव के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व के सामने भी चुनौती है । पूर्व सीएम शिवराज लगातार केंद्रीय नेतृत्व से दूरी बनाएं हुए है। ऐसे में पूर्व सीएम शिवराज समेत टीम शिवराज के नेताओं को अगर एडजेस्ट नहीं किया गया। तो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए मुसीबत खड़़ी हो सकती है।